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एक ही स्टांप पेपर दो बार लगाये, 9 और रजिस्ट्रियां मिलीं

फतेहाबाद तहसील कार्यालय का बहुचर्चित स्टांप घोटाला
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फतेहाबाद से दैनिक ट्रिब्यून के 5 मार्च के अंक में छपी स्टांप घोटाले की खबर। -हप्र
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मदनलाल गर्ग/हप्र

फतेहाबाद, 18 मार्च

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स्टांप पेपर घोटाला में जिला प्रशासन की जांच में 9 ऐसी रजिस्ट्रियां मिली हैं, जिनमें एक ही स्टांप पेपर को दो बार लगाया गया है। इन स्टांप पेपरों का मूल्य करीब 8 लाख 60 हजार बताया गया है।

‘दैनिक ट्रिब्यून’ द्वारा स्टांप पेपर घोटाला उजागर करने के बाद जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दिए थे। रजिस्ट्रियों को 6 मार्च से ही खंगाला जा रहा था, जिसके लिए जिला राजस्व अधिकारी से लेकर नायब तहसीलदार लगे हुए थे। हालांकि उपायुक्त मनदीप कौर ने 21 फरवरी को बयान दिया था कि इस मामले में घोटाला करने वाले प्रॉपर्टी डीलर के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज करवाया जाएगा, लेकिन इस मामले में प्रशासन अभी तक यह तय नहीं कर पाया कि वास्तव में मामला किसके खिलाफ दर्ज करवाया जाए। इस मामले में प्रशासन पसोपेश में है कि प्रॉपर्टी डीलर का नाम कहीं भी सीधे तौर पर इस घोटाले से नहीं जुड़ा है, ऐसे में किसको आरोपी बनाया जाए। पुष्ट सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को इस मामले में सरकारी वकील की भी सलाह ली गई, लेकिन प्रशासन अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाया है।

इसी बीच डॉ. अजय नारंग की शिकायत पर पुलिस का आर्थिक सैल भी इस मामले की जांच कर रहा है। डॉ. इला नारंग के पति डॉ. अजय नारंग ने उनकी रजिस्ट्री में लगे 3 लाख 7 हजार के स्टांप पेपर को वेदप्रकाश की रजिस्ट्री में यूज करने को लेकर एसपी आस्था मोदी को शिकायत की थी। शिकायत में इस मामले में तत्कालीन तहसीलदार, रजिस्ट्री क्लर्क, प्रॉपर्टी डीलर व उनके स्टांप पेपर पर नाम बदलकर रजिस्ट्री करवाने वाले वेदप्रकाश के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर शिकायत दी थी, जिसे एसपी ने जांच के लिए आर्थिक सैल को भेज दिया था।

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