मिट्टी का टीला गिरने से टूटी मकान की छत, बाल-बाल बचा परिवार
सामान्य बस अड्डे के सामने ऊंचे टीलों पर बसा कोट मोहल्ला क्षेत्र में रह रहे परिवार आजकल दहशत में हैं। कोट किला एक बार फिर से दरकने लगा है। रविवार देर रात वार्ड नंबर-2 की गली नंबर 16, बीज मार्केट के नजदीक ताजा घटना ने क्षेत्र के लोगों की चिंता और बढ़ा दी। एक मकान के पीछे स्थित मिट्टी का टीला अचानक दरक गया और उस पर बनी दीवार के साथ भरभराकर नीचे आ गिरा। इससे मकान की छत टूट गई और परिवार की जान बाल-बाल बची।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि बरसात के मौसम में मिट्टी का कटाव तेजी से बढ़ रहा है। पहाड़ी जैसे इन टीलों के नीचे बने मकानों की नींव तक प्रभावित हो रही है। यदि समय रहते प्रशासन ने ठोस कदम नहीं उठाए तो किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। अनुमान है कि इस क्षेत्र के लगभग 50 मकान लगातार खतरे की जद में आ चुके हैं।
घटना की सूचना मिलने पर समाजसेवी एवं एडवोकेट नकीन मेहरा मौके पर पहुंचे। उन्होंने हरियाणा सरकार, सोनीपत विधायक निखिल मदन, मेयर राजीव जैन और जिला प्रशासन से पीड़ित परिवार लेखा पत्नी स्व. सुरेंद्र को उचित मुआवजा प्रदान करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यहां के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल प्रभाव से मजबूत कंक्रीट की ऊंची दीवार बनाई जाए, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
दहशत में जी रहे 50 परिवार
कोट मोहल्ला में करीब 50 घरों में दरारें आ चुकी है। कई मकानों की दीवारें भी धंस चुकी है। मकानों की नींव को खिसकता देख क्षेत्रवासी भयभीत हैं। लोगों का कहना है कि मकानों में आई दरार का पुख्ता कारण उन्हें भी पता नहीं है। वहीं, भूस्खलन की इस घटना ने लेखा और उसके परिवार को हिला कर रख दिया है। परिवार का कहना है कि जिस तरह मिट्टी का ऊपरी हिस्सा मकान की छत पर गिरा उससे पूरा मकान ढह सकता था। बरसात का मौसम जारी रहने के कारण उन्हें डर है कि फिर से टीला दरक सकता है और उनका आशियाना पूरी तरह तबाह हो सकता है।