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जनस्वास्थ्य विभाग ने स्टॉर्म पाइपलाइन डालने के लिये 62.75 लाख रुपये दिये, अफसरों ने बिछा दी सीवर लाइन

समस्या जस की तस : एंटी करप्शन ब्यूरो ने शुरू की मामले की जांच
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मदन लाल गर्ग/ हप्र

फतेहाबाद, 25 जून

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धर्मशाला रोड पर जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए नगर परिषद् ने जनस्वास्थ्य विभाग को बरसाती पानी की निकासी के लिए स्टॉर्म पाइपलाइन डालने के लिए 62.75 लाख की राशि दी, लेकिन जनस्वास्थ्य विभाग ने उन पैसों से नई सीवर लाइन बिछा दी। परिणाम यह हुआ कि जहां पहले बरसाती पानी भरने के बाद उसकी निकासी में 2 से 3 घंटे लगते थे, अब पानी निकासी में दस से 12 घंटे लगते हैं। जनस्वास्थ्य विभाग को नगर परिषद् ने उक्त 62 लाख 75 हजार की राशि फरवरी 2019 में दी थी। नगर परिषद् के लाखों रुपए खर्च करके भी जब पानी निकासी की समस्या बढ़ गई तो धर्मशाला रोड के दुकानदारों ने धरना प्रदर्शन किए। उनका आरोप था कि इस निर्माण में घटिया मेटीरियल का प्रयोग किया गया। इतना ही नहीं पानी के प्राकृतिक बहाव के विपरीत दिशा में निकासी कर दी। इसको लेकर दुकानदारों ने धर्मशाला रोड संघर्ष समिति बनाकर इस मामले की सीएम से लेकर पीएम तक को शिकायत की, लेकिन परिणाम ढाक के तीन पात जैसा रहा। न तो अफसरों का कुछ बिगड़ा और न ही कोई कारवाई की गई। इतना ही नहीं विभाग के अफसरों ने जब देखा कि जलभराव बढ़ गया तो धर्मशाला रोड पर सरकारी स्कूल में करीब 35 लाख रुपए खर्च करके डिस्पोजल बना दिया, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। अब करीब 5 साल बाद डाली गई पाइपलाइन की एंटी करप्शन ब्यूरो ने जांच शुरू की है। विजिलेंस ने धर्मशाला रोड संघर्ष समिति के साथ प्रोजेक्ट साइट का निरीक्षण करते हुए शिकायतकर्ताओं राजेंद्र प्रसाद, महेंद्र सोनी, परम अरोड़ा, राधेश्याम सोनी, जोगेंद्र सोनी से बातचीत की है।

'' विभाग के पास प्रोजेक्ट के लिए प्रयुक्त किए मेटीरियल की जांच करने का पत्र आया है। जिस पर टीम ने मेटीरियल का सैंपल लेकर जांच के लिए लेबोरेट्री भेज दिया है। जांच करने पहुंची टीम में एसीबी की टीम में कार्यकारी अभियंता जयपाल सिंह, निरीक्षक गुरमीत सिंह के अलावा तकनीकी विभाग के लोग थे। ''

-जुगल किशोर, डीएसपी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरोे

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