घाटे में चल रहे जींद डिपो पर बोझ बना नया बस अड्डा
जींद, 10 अप्रैल (हप्र)
पहले से ही कराेड़ों रुपये के घाटे में चल रहे रोडवेज के जींद डिपो के लिए नया बस अड्डा बहुत बड़ा आर्थिक बोझ बन गया है। अब इस बढ़ते घाटे को रोकने के लिए जींद डिपो के प्रबंधन ने दो मोर्चों पर काम शुरू किया है। पहले जींद डिपो की पुरानी वर्कशॉप के बस वॉशिंग स्टेशन को नए बस अड्डे के पास बनी नई वर्कशॉप में शिफ्ट किया जाएगा। दूसरे नए बस अड्डे पर जींद डिपो का अपना खुद का डीजल पंप स्थापित करवाया जाएगा। लगभग 4 साल पहले जींद- रोहतक नेशनल हाईवे के जींद बाईपास रोड पर जींद का नया बस अड्डा शिफ्ट हुआ था। इससे पहले जींद का बस अड्डा गोहाना रोड पर सिविल अस्पताल के पास था। पुराने बस अड्डे पर रोडवेज का खुद का बस वॉशिंग स्टेशन और अपना डीजल पंप भी था। जींद का बस अड्डा तो जींद बाईपास रोड पर पिंडारा गांव के पास शिफ्ट हो गया, लेकिन वहां बना बस वॉशिंग स्टेशन अभी तक नए बस अड्डे पर बनी नई वर्कशॉप में शिफ्ट नहीं हुआ है। इस कारण बसों को वॉशिंग के लिए नए बस अड्डे से पुराने बस अड्डे तक की लगभग 6 किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी तय करनी पड़ती है। ऐसे में एक बस पर लगभग 120 रुपए से भी ज्यादा का डीजल फूंकना पड़ता है। इसी तरह जींद डिपो का डीजल पंप भी आज तक नए बस अड्डे पर शिफ्ट नहीं हुआ है। नतीजा बसों को डीजल के लिए नए बस अड्डे से लगभग 2 किलोमीटर दूर जिला कारागार के पास एक निजी पेट्रोल पंप पर आना पड़ता है। ऐसे में एक बस लगभग 100 रुपए से ज्यादा का तेल फूंक देती है। जींद डिपो के पास फिलहाल 90 बस हैं और इन बसों को लगभग हर रोज डीजल डलवाने के लिए 4 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। इस पर हर महीने लाखों रुपए की राशि बेकार में खर्च हो रही है। जींद डिपो के महा प्रबंधक राहुल जैन का कहना है कि डीजल पंप के लिए इंडियन ऑयल कार्पोरेशन को लगातार पत्र लिखे जा रहे हैं। उपायुक्त ने भी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन को जींद के नए बस अड्डे पर डीजल पंप की अनुमति के लिए पत्र लिखा है।