कालवन गांव की प्राकृतिक झील जहां सालभर डेरा डाले रहते हैं देशी-विदेशी परिंदे
जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 3 मार्च
जींद जिले के नरवाना उपमंडल के कालवन गांव की दशकों पुरानी प्राकृतिक झील को कम्युनिटी रिजर्व बनाए जाने पर जींद के डीसी ने अपनी संस्तुति की मोहर लगा कर सरकार को भेज दी है। इसके बाद अब जींद के वन्य प्राणी विभाग को कालवन की इस प्राकृतिक झील को पक्षी अभयारण्य के रूप में मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
इसे मंजूरी मिलती है तो यह जींद का पहला पक्षी अभयारण्य होगा। टोहाना जिले की सीमा से लगते जींद जिले के कालवन गांव में 30 एकड़ से ज्यादा जमीन में दशकों पुरानी प्राकृतिक झील है। इस प्राकृतिक झील में 12 महीने परिंदे डेरा डाले रहते हैं। सर्दी के दिनों में साइबेरिया तक से प्रवासी पक्षी हजारों की संख्या में कालवन की इस झील में आकर डेरा डालते हैं और सर्दी समाप्त होने के बाद यहां से वापस साइबेरिया के लिए उड़ जाते हैं। कालवन गांव की इस प्राकृतिक झील में 12 महीने बरसाती पानी भरा रहता है। झील में पक्षियों के रात के समय सुरक्षित विश्राम के लिए तरह-तरह के पेड़ भी हैं।
पंचायत के प्रस्ताव पर मोहर
कालवन गांव की प्राकृतिक झील को आरक्षित पक्षी अभयारण्य बनाए जाने के ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पर डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने अपनी संस्तुति की मोहर लगाई है। अपनी संस्तुति के साथ डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने कालवन की प्राकृतिक झील को आरक्षित पक्षी अभयारण्य के रूप में विकसित किए जाने की सिफारिश प्रदेश सरकार से की है। उन्होंने प्राकृतिक झील की जमीन की जमाबंदी समेत सारी डिटेल वन्य प्राणी विभाग को भेजी है। इसकी पुष्टि करते हुए डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने कहा कि कालवन की प्राकृतिक झील आरक्षित पक्षी अभयारण्य बनाए जाने के सभी मापदंडों पर खरी उतरती है। जिला प्रशासन ने इसे आरक्षित पक्षी अभयारण्य के रूप में विकसित करने की सिफारिश सरकार से की है। जींद में वन्य प्राणी विभाग के इंस्पेक्टर मनबीर सिंह ने सोमवार को वन्य प्राणी दिवस के मौके पर बताया कि कालवन गांव की प्राकृतिक झील का पिछले साल विभाग के चीफ चीफ कंजरवेटर ने दौरा किया था। उन्होंने भी इस झील को आरक्षित पक्षी अभयारण्य के रूप में विकसित किए जाने के लिए अनुकूल बताया था।
परिंदे हमारे मित्र, उनकी हिफाजत करें
जींद जिले के कालवन गांव से लोगों को यह संदेश मिलता है कि ‘परिंदे हमारे मित्र हैं। हमें उनकी हिफाजत करनी चाहिए।’ इस तरह के संदेश लिखे बोर्ड बड़ी संख्या में जींद के वन्य प्राणी विभाग ने कालवन गांव की प्राकृतिक झील और गांव की तरफ जाने वाले रास्तों पर लगाए हुए हैं।
34 प्रजातियां मिलीं, इनमें 21 विदेशी
इस साल 28 फरवरी को एशियाई जल पक्षी जनगणना की टीम ने भी जींद के कालवन गांव की इस प्राकृतिक झील का दौरा किया था। दौरे में टीम को यहां पक्षियों की 34 प्रजातियां मिली थी, जिनमें 21 विदेशी और 12 भारतीय प्रजातियां शामिल हैं।