‘जांबाज सैनिकों की शहादत से मिलती है देशभक्ति की प्रेरणा’
कारगिल विजय दिवस पर तिरंगे की आन-बान-शान के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले जांबाजों की शहादत को नमन किया गया। कार्यक्रम में समाज सेविका एवं नगर पार्षद डाॅ. नीना सतपाल राठी ने कहा कि कारगिल विजय दिवस हमारे जांबाज सैनिकों की वीरता, शौर्य और बलिदान की याद दिलाता है। इस युद्ध में झज्जर जिले के 11 सैनिकों ने भी देश की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। ऐसे जांबाज सैनिकों की शहादत से युवा पीढ़ी को देशभक्ति के प्रति प्रेरणा मिलती रहेगी। नगर पार्षद डा. नीना सतपाल राठी ने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान हरियाणा के वीर सपूतों ने अपना परामक्रम व शौर्य की अमिट दास्तां दिखाई थी। 26 जुलाई 1999 को तीन महीने के संघर्ष के बाद भारतीय सैनिकों ने कारगिल में विजय हासिल की थी। युद्ध में भारत की जीत, भारतीय सैनिकों की बहादुरी और बलिदान का सम्मान करने के लिए हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि शहीद सैनिकों की कुर्बानी की बदौलत आज का दिन देश के सैन्य इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है।
उधर, पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह जून ने कहा कि यह भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है कि जब जब देश की सीमा पर दुश्मनों ने नापाक नजर डाली है तब हमारे देश के वीर जवानों ने अपने अदम्य शौर्य, साहस व पराक्रम से दुश्मनों को कड़ा सबक सिखाते हुए युद्ध में धूल चटाने का काम किया है। 26 जुलाई का दिन कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
‘शौर्य का प्रतीक’
रोहतक (हप्र) : डीसी धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि कारगिल विजय दिवस भारतीय इतिहास में गौरव और शौर्य का प्रतीक बन चुका है। यह दिवस 1999 के ऑपरेशन विजय के तहत भारतीय सेना द्वारा कारगिल की ऊंची चोटियों पर पुनः नियंत्रण पाने की स्मृति में मनाया जाता है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के गेट नंबर एक के समीप स्थित राज्य स्तरीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। डीसी धर्मेंद्र सिंह ने पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। पुलिस टुकड़ी ने भी शहीदों को सलामी दी। जिला सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण अधिकारी विंग कमांडर गौरिका सुहाग ने भी शहीदों के बलिदान को रेखांकित किया।