सरकार ने बनाई भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड से दूरी : संपत सिंह
पूर्व मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रो. संपत सिंह ने हरियाणा सरकार से कहा है कि उन्होंने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड से लंबे समय से दूरी क्यों बनाई हुई है। प्रदेश के पानी के मुख्य स्त्रोत सतलुज, ब्यास और रावी नदी के पानी की उनको कोई चिंता नहीं है। पंजाब सरकार ने जब इन नदियों के पानी को रोका तो भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड की याद आई।
उन्होंने कहा कि बीबीएमबी सतलुज, ब्यास और रावी के पानी के समुचित बंटवारें, संचालन व प्रबंधन करने वाली संवैधानिक संस्था है, जिसमें हरियाणा सरकार अपने किसी प्रमुख वरिष्ठ मुख्य अभियन्ता सिविल की नियुक्ति करवाती रही है। पिछले कई वर्षों से हरियाणा सरकार की बेरूखी से न तो कोई सिंचाई विभाग का सदस्य नियुक्त किया गया और न ही सुंदर नगर में उपयुक्त व स्थाई प्रमुख अभियंता लगाया गया है।
इसी तरफ भाखड़ा डैम सर्कल में पहले शुरू से हरियाणा प्रदेश का अधीक्षक अभियंता लगता रहा है परंतु अब थोड़े दिन पहले पंजाब के अधीक्षक अभियंता की नियुक्ति की गई। इन परिस्थितियों में हरियाणा प्रदेश कैसे उम्मीद कर सकता है कि उसे उचित मात्रा में समय की आवश्यकतानुसार पानी मिलेगा। इसी वजह से पहली बार हरियाणा प्रदेश का पानी रोका गया है।
प्रो. सिंह ने सुझाव दिया की बयानबाजी के बजाय बिना समय खोये तुरंत प्रभाव से सुंदर नगर में सिंचाई विभाग के सक्रिय व वरिष्ठ सिविल मुख्य अभियंताओं में से तुरंत किसी को नियुक्ति दिलाई जाए उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के चक्रव्यूह में फंसकर हरियाणा प्रदेश की सरकार उचित कदम उठाने के बजाय राजनीतिक बैठकें, हरियाणा विधानसभा का अधिवेशन बुलाने व सर्वोच्च न्यायालय में जाने की बात कर रही है। दो सप्ताह का समय बर्बाद हो चुका और आने वाले दो सप्ताह के बाद यानी 20 मई के बाद तो पंजाब सरकार उचित पानी देने की बात कर रही है।
पीने का पानी न मिलने की वजह से लोगों में त्राही-त्राही मच रही है और यदि 15 मई तक पानी नहीं आया तो किसान नरमा और कपास की बिजाई से भी वंचित रह जाएगा। मुख्यमंत्री सभी प्रभावित क्षेत्रों के नेताओं को साथ लेकर तुरंत प्रधानमंत्री व विद्युत मंत्री से मिले और हमारे हक के पानी को तुरंत उपलब्ध करवायें।