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डबवाली में एनएच-9 व खेल परिसर की हालत बदतर

गत 24 अगस्त को संपन्न हुई यूथ मैराथन के लिए प्रशासन द्वारा की गई इंच-दर-इंच तैयारियों के दौरान नजरअंदाज जन-समस्यायों का खामियाजा अब हजारों लोगों को भुगतना पड़ रहा है, जबकि प्रशासन मुख्यमंत्री का दौरा निपटाने के बाद पुन: कुंभकर्ण...
डबवाली में एनएच-9 पर गड्ढे। -निस
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गत 24 अगस्त को संपन्न हुई यूथ मैराथन के लिए प्रशासन द्वारा की गई इंच-दर-इंच तैयारियों के दौरान नजरअंदाज जन-समस्यायों का खामियाजा अब हजारों लोगों को भुगतना पड़ रहा है, जबकि प्रशासन मुख्यमंत्री का दौरा निपटाने के बाद पुन: कुंभकर्ण की नींद में वापस चला गया। क्षेत्र वासियों को यह ‘खाली हाथ’ दौरा नयी मायूसी दे गया। एनएच-9 के गड्डे और विकराल हो गये और मुख्यमंत्री की पग फेरी वाले खेल परिसर की हालत सरकार को मुंह चिढ़ा रही है। तब, मुख्यमंत्री नायब सैनी की आमद के दौरान केवल मैराथन रूट चौटाला रोड पर पैच वर्क व डिवाइडर को लाल सुर्ख रंग किया गया था, जबकि सिल्वर जुबली चौक के साथ लगते एनएच-9 मलोट रोड के बड़े गड्ढे भी दरकिनार कर दिए गए। अब ये गड्ढे दिल्ली-फाजिल्का रोड पर हादसों का कारण बन रहे हैं। सिल्वर जुबली चौक से लेकर रेलवे ओवरब्रिज तक सड़क खस्ताहाल हो चुकी है। बरसात के जलभराव चलते गड्ढों का आकार बढ़ गया और सड़क जगह-जगह टूट गई, जिससे आमजन और वाहन चालकों को चलने-फिरने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। गत दिवस इन गड्ढों में एक ई-रिक्शा पलट गया, जिससे सड़क की खराब स्थिति उजागर हुई। स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं ने मंडल अध्यक्ष मोहिंदर बंसल व सतपाल लोहगढ़िया के नेतृत्व में मंगलवार को एनएच-9 और गुरु गोबिंद सिंह खेल परिसर की बदहाल स्थिति के समाधान के लिए एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को 2 ज्ञापन भेजे। खेल परिसर में बैडमिंटन ग्राउंड और ओपन ग्राउंड की दयनीय स्थिति, खराब लाइटें, टूटे शीशे और शौचालयों की खराब हालत का जिक्र करते हुए त्वरित सुधार की मांग की गई।

सीएम ‘पग-फेरी’ पर भी नहीं सुधारा खेल परिसर

मैराथन के दौरान मुख्यमंत्री की डबवाली से वापसी गुरु गोबिंद सिंह खेल परिसर में हेलीकॉप्टर से हुई थी। हैरानीजनक है कि प्रशासन ने मुख्य मंत्री की पग-फेरी के बावजूद खेल परिसर की दयनीय स्थिति सुधारने की कोशिश तक नहीं की, जिससे केवल काम-चलाऊ तैयारियों का सच उजागर होने से बच गया। यदि मुख्यमंत्री भी प्रशासन द्वारा तय रूट से यदि वे थोड़ी दूर इधर-उधर भी देखते, तो सड़क और खेल परिसर की दयनीय हालत से प्रशासन की फजीहत और अन्य जन-सुविधाओं की हकीकत स्पष्ट हो जाती।

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