जींद की जाट धर्मार्थ सभा पर वर्चस्व की जंग हुई तेज
जींद की जाट धर्मार्थ सभा अब जंग का अखाड़ा बन गई है। इस पर वर्चस्व को लेकर जो जंग शुरु हुई हुई है, आने वाले दिनों में वह और तेज होगी। इसकी बानगी बुधवार को उस समय मिली, जब जाट धर्मार्थ सभा की कार्यकारिणी के चुनाव को लेकर इसके सदस्य आमने-सामने हो गए।
जाट धर्मार्थ सभा की एडहॉक कमेटी ने 10 अगस्त को नई कार्यकारणी के चुनाव का कार्यक्रम घोषित किया है। इसके लिए 7 साल पहले 1149 वोटर्स के आधार पर बने कॉलेजियम को आधार बनाया गया है।
जाट धर्मार्थ सभा के पूर्व प्रधान देवव्रत ढांडा, महासचिव सुरेंद्र खटकड़, जगबीर ढिगाना समेत जाट सभा के सैकड़ों सदस्य केवल 1149 की वोटर लिस्ट के आधार पर बने कॉलेजियम पर नई कार्यकारिणी का चुनाव करवाए जाने का विरोध कर चुके हैं।
एडहॉक कमेटी के सदस्य किताब भनवाला, इश्वर सिंह उझानिया और यादवेंद्र खर्ब ने जहां 10 अगस्त को चुनाव करवाने को सही ठहराया, वहीं इनेलो ने एडहॉक कमेटी द्वारा करवाए जा रहे चुनाव को अवैध बता दिया।
बुधवार को किताब सिंह भनवाला और उनके साथियों ने कहा कि फर्म एंड सोसायटीज के जिला रजिस्ट्रार से मंजूरी लेकर ही चुनाव करवाए जा रहे हैं। 10 अगस्त के चुआव के लिए रिटर्निंग अधिकारी की नियुक्ति हो चुकी है। कुछ लोग चुनाव को लेकर भ्रम पैदा कर रहे हैं।
अब इनेलो की हुई एंट्री, सुप्रीम कोर्ट तक जाने की कही बात
जाट धर्मार्थ सभा की कार्यकारिणी के चुनाव को लेकर शुरू हुई जंग में अब इनेलो की भी एंट्री हो गई है। बुधवार को इनेलो जिला कार्यालय में बुलाए पत्रकार सम्मेलन में जिला प्रधान बिजेंद्र रेढू ने कहा कि सभा की एडहॉक कमेटी द्वारा जारी चुनावी कार्यक्रम को रोकने के लिए उन्होंने फर्म एंड सोसायटीज के जिला रजिस्ट्रार को शिकायत दी है। अगर जिला रजिस्ट्रार से इंसाफ नहीं मिला तो स्टेट रजिस्ट्रार का दरवाजा खटखटाया जाएगा। वहां भी बात नहीं बनी तो निदेशक का दरवाजा खटखटाएंगे। निदेशक ने इंसाफ नहीं किया तो हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। 10 अगस्त को सभा के लगभग 1500 सदस्य विरोध करेंगे। रेढू ने कहा कि कभी जींद की जाट धर्मार्थ सभा के मेंबर्स की संख्या 10 हजार से ज्यादा थी, जो कम होते-होते अब 2900 रह गई है। रेढू ने कहा कि जाट धर्मार्थ सभा पर भाजपा के कुछ लोग सरकार की मदद से कब्जा करना चाहते हैं। इसकी इजाजत नहीं दी जाएगी।
जिस संस्था में कभी चुनाव नहीं हुए, वही बनी सबसे बड़ा अखाड़ा
जींद की अर्बन एस्टेट कालोनी की जाट धर्मशाला की संचालक जाट धर्मार्थ सभा में कभी कार्यकारिणी के चुनाव की नौबत ही नहीं आई थी। हर बार सर्वसम्मति से कार्यकारिणी का गठन होता था। अब हालत यह हो गई है कि इस सभा के चुनाव को लेकर जाट धर्मशाला बहुत बड़ी जंग का अखाड़ा बन गई है।