Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

12 साल बाद कोर्ट से बरी हुआ अध्यापक, अब 76 करोड़ के मानहानि नोटिस भेजे

भिवानी, 18 मई (हप्र) ‘न्याय देर से मिला, लेकिन मिला जरूर।’ यह कहना है जेबीटी अध्यापक आनंद घणघस का, जो 12 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अदालत से बेकसूर साबित हुए। घणघस ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर रिश्वत...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

भिवानी, 18 मई (हप्र)

‘न्याय देर से मिला, लेकिन मिला जरूर।’ यह कहना है जेबीटी अध्यापक आनंद घणघस का, जो 12 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अदालत से बेकसूर साबित हुए। घणघस ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर रिश्वत लेकर नौकरी देने और भ्रष्टाचार उजागर करने वालों को प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। अब उन्होंने पूर्व सीपीएस, कई कांग्रेस नेताओं, अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों सहित 140 लोगों को कुल 76 करोड़ रुपये के मानहानि नोटिस भेजे हैं। घणघस ने बताया कि 2011 में जेबीटी शिक्षकों की भर्ती के दौरान उन्हें यह समझ आ गया था कि बिना पैसे दिए नौकरी नहीं मिलेगी। मजबूरी में उन्होंने 5 लाख रुपये की रिश्वत दी। लेकिन दिल्ली में अन्ना आंदोलन से प्रेरित होकर उन्होंने यह भ्रष्टाचार उजागर कर दिया। इसके बाद उन्हें झूठे मुकदमों में फंसा दिया गया। वह नौ साल तक नौकरी से टर्मिनेट और 32 महीने निलंबित रहे। आखिरकार मार्च 2024 में शिक्षा विभाग ने उन्हें बहाल कर दिया। घणघस का कहना है कि पूर्व सीपीएस और एक विधायक की रिश्तेदार प्रिंसिपल की भूमिका भी उनके उत्पीड़न में रही।

Advertisement

Advertisement
×