Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों ने समस्याओं पर किया विमर्श

नेताजी सुभाष जन कल्याण संगठन की मासिक बैठक आयोजित नेताजी सुभाष जन कल्याण संगठन जिला हिसार की मासिक बैठक जिंदल पार्क में आयोजित की गई। बैठक की शुरुआत स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों की स्मृति में कार्यक्रम से हुई। सुबह...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
हिसार में बैठक में संगठन के पदाधिकारी एवं स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारी। -हप्र
Advertisement

नेताजी सुभाष जन कल्याण संगठन की मासिक बैठक आयोजित

नेताजी सुभाष जन कल्याण संगठन जिला हिसार की मासिक बैठक जिंदल पार्क में आयोजित की गई। बैठक की शुरुआत स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों की स्मृति में कार्यक्रम से हुई। सुबह 10 बजकर 10 मिनट पर स्वतंत्रता सेनानी परिवारों ने राष्ट्रीय गान गाया और देशभक्ति के नारों—जय हिंद, भारत माता की जय, जय तिरंगा, वंदे मातरम् तथा नेताजी सुभाष चंद्र बोस अमर रहें से पार्क गुंजायमान कर दिया।

Advertisement

संगठन के अध्यक्ष अंजनी शर्मा के नेतृत्व में हुई बैठक में स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों ने अपनी समस्याओं पर विस्तार से विमर्श किया। वक्ताओं ने बताया कि 22 जुलाई को संगठन ने मुख्यमंत्री से मिलकर दो प्रमुख मांगों का ज्ञापन सौंपा था।

इनमें स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों को 2 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण विधानसभा में कानून बनाकर लागू करना और उत्तराखंड की तरह हरियाणा में भी कुटुंब पेंशन को आर्थिक आधार पर लागू करना शामिल था। मगर मुख्यमंत्री आवास पर दिए गए ज्ञापन को सीएमओ कार्यालय ने इसमें कोई कार्रवाई की आवश्यकता नहीं लिखकर बंद कर दिया।

इस रवैये पर असंतोष जताते हुए संगठन ने तय किया कि अब आरटीआई लगाकर सरकार से यह पूछा जाएगा कि आखिर कार्रवाई की जरूरत क्यों नहीं समझी गई। बैठक में गांव मंगाली से पहुंचे बंसीलाल जोगी ने बताया कि उनके ताऊजी रामस्वरूप आजाद हिंद फौज में सिपाही थे और सिंगापुर की लड़ाई में शहीद हो गए थे।

परिवार को केवल एक बार स्वतंत्रता सेनानी पेंशन मिली, जो उनके बेटे के बालिग होते ही बंद कर दी गई। इसके बाद न तो कोई सुविधा मिली और न ही पहचान पत्र। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वर्षों से उनकी सुध नहीं ली, जिससे कई परिवार उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं।

Advertisement
×