रोहतक के काएनोस अस्पताल में पहली बार सफल लीवर ट्रांसप्लांट
रोहतक, 29 मार्च (हप्र)
रोहतक के नजदीक गांव खेड़ी साध स्थित काएनोस अस्पताल उत्तर भारत के लगभग 10 लाख या इससे कम आबादी वाले किसी भी छोटे शहर (टायर 3 सिटी) में लीवर ट्रांसप्लांट करने वाला पहला निजी चिकित्सा संस्थान बन गया है। इस सफल सर्जरी के साथ ही काएनोस अस्पताल ने साबित कर दिया है कि विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं अब सिर्फ बड़े महानगरों तक सीमित नहीं हैं। यह दावा करते हुए लीवर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. राजेश गोदारा ने बताया कि इस उपलब्धि को अस्पताल की अत्यंत कुशल और अनुभवी टीम ने संभव बनाया है। लीवर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. राजेश गोदारा ने बताया कि टीम में उनके साथ डॉ. आनंद यादव, प्रसिद्ध गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. वीरेंद्र चौहान, एनेस्थीसिया टीम की डॉ. कीर्ति बेरवाल व डॉ. निशा यादव तथा आईसीयू विशेषज्ञों डॉ. जय प्रकाश, डॉ. गौरव आर्य के सहयोग से यह उपलब्धि संभव हो सकी है।
डॉ. राजेश गोदारा ने बताया कि यूपी के बुलंदशहर का रहने वाला मरीज जनवरी में उनके पास आया था। उनकी सगी बहन ने ही उनको लीवर डोनेट किया। ठीक होने पर फ़रवरी के आखिर में उसे छुट्टी दे दी गई थी। आज वह अस्पताल में दूसरी बार चेकअप के लिए आया था। अब वह बिल्कुल सही जीवन जी रहा है। डॉ. राजेश गोदारा ने कहा कि इस ऑपरेशन की सफलता केवल चिकित्सकीय उपलब्धि नहीं, बल्कि एक सामाजिक उत्तरदायित्व भी है।
काएनोस अस्पताल के निदेशक और वरिष्ठ आईसीयू विशेषज्ञ डॉ. अरविंद दहिया ने बताया, कि यह सफलता इस क्षेत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।