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तीसरे सेमेस्टर में पहुंचे छात्र, पहले सेमेस्टर का रिजल्ट अब तक लंबित

दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी), मुरथल में बीटेक (नयी शिक्षा नीति आधारित) के पहले सेमेस्टर का रिजल्ट सालभर बाद भी घोषित न होने से विद्यार्थियों में बेचैनी है। तीसरे सेमेस्टर के विद्यार्थियों को अब तक अपने पहले सेमेस्टर...
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दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी), मुरथल में बीटेक (नयी शिक्षा नीति आधारित) के पहले सेमेस्टर का रिजल्ट सालभर बाद भी घोषित न होने से विद्यार्थियों में बेचैनी है। तीसरे सेमेस्टर के विद्यार्थियों को अब तक अपने पहले सेमेस्टर परीक्षा परिणाम न मिलना हैरत की बात है। इस लापरवाही पर अब शिक्षकों ने मोर्चा खोल दिया है। विवि की टीचिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बाकायदा कुलपति को पत्र लिखकर इस पर उनका पक्ष मांगा है तो वहीं, परीक्षा नियंत्रक का तर्क है कि उन्हें विवि प्रशासन की ओर से अभी तक आर्डिंनेंस ही नहीं मिला है जिसके कारण रिजल्ट रूका हुआ है।

परीक्षा नियंत्रक का तर्क, अभी तक नहीं मिला ऑर्डिनेंस : विवि की परीक्षा नियंत्रक डॉ. मंजू सैनी ने बताया कि रिजल्ट जारी न होने के पीछे कारण ऑर्डिनेंस का न मिलना है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में हुई बैठक में पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है और शीघ्र ही सिलेबस एवं स्कीम सार्वजनिक कर रिजल्ट घोषित किया जाएगा।

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हालांकि, टीचर्स एसोसिएशन का कहना है कि यह बहाना छात्रों की परेशानियों को हल करने के बजाय उन्हें और बढ़ा रहा है। कुलपति को भेजी गई ई-मेल में दावा किया गया कि एनईपी के तहत सिलेबस और स्कीम में संशोधन विश्वविद्यालय अधिनियम में निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।

इस कड़ी में न तो फेकल्टी और न ही शैक्षणिक निकायों से विचार-विमर्श किया गया जिससे अकादमिक पारदर्शिता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं।

छात्रों की पढ़ाई अधर में, विवि की चुप्पी भारी

डीसीआरयूएटी टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने कुलपति को पत्र लिखकर इसे गंभीर शैक्षणिक लापरवाही करार दिया और तत्काल उच्चस्तरीय जांच की मांग की। पत्र में कहा गया है कि परीक्षा संपन्न हुए सालभर हो चुका है, मगर विश्वविद्यालय प्रशासन परिणाम घोषित करने में असफल रहा है। इसका सीधा असर छात्रों की शैक्षणिक प्रगति, अगले सेमेस्टर की पढ़ाई और करियर प्लानिंग पर पड़ रहा है। शिक्षक संघ ने यह भी आरोप लगाया कि बीटेक (एनईपी आधारित) पहले सेमेस्टर की स्कीम और सिलेबस तक छात्रों को उपलब्ध नहीं कराए गए जबकि यह बुनियादी शैक्षणिक आवश्यकता है। पारदर्शिता की इस कमी को संघ ने गंभीर मुद्दा बताया।

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