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बीएमयू में छात्रों ने सीखा जीवन बचाने का कौशल

आपात स्थिति में किसी की जिंदगी बचाने की कला भी अब शिक्षा का अहम हिस्सा बन रही है। इसी उद्देश्य से बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय (बीएमयू) रोहतक के फिजियोथेरेपी संकाय और छात्र कल्याण विभाग ने ‘बुनियादी जीवन रक्षक प्रशिक्षण’ पर एक...

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बीएमयू में कार्यशाला के दौरान विद्यार्थियों को सीपीआर सिखाते प्रशिक्षक राजबीर सिंह। -हप्र
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आपात स्थिति में किसी की जिंदगी बचाने की कला भी अब शिक्षा का अहम हिस्सा बन रही है। इसी उद्देश्य से बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय (बीएमयू) रोहतक के फिजियोथेरेपी संकाय और छात्र कल्याण विभाग ने ‘बुनियादी जीवन रक्षक प्रशिक्षण’ पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में होली हार्ट हॉस्पिटल के वरिष्ठ प्रशिक्षक राजबीर सिंह ने विद्यार्थियों को सीपीआर, कृत्रिम श्वसन, हृदयगति रुकने पर प्राथमिक उपचार, गला रुकने की स्थिति और सड़क दुर्घटनाओं के दौरान घायल की देखभाल जैसी अहम तकनीकों का व्यावहारिक अभ्यास कराया।

कुलपति डॉ. एचएल वर्मा ने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण युवाओं को न केवल आत्मनिर्भर बनाते हैं, बल्कि उनमें सेवा भावना और जिम्मेदारी का भाव भी जगाते हैं। कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार के अनुसार, शिक्षा तभी सार्थक है जब इसके साथ जीवनोपयोगी कौशल भी मिलें, जो विपरीत परिस्थितियों में निर्णायक साबित हों। इस कार्यक्रम का संचालन डॉ. सोनिया सरोहा ने किया। संयोजन का कार्य डॉ. ज्योति रानी और डॉ. सुमन रानी ने संभाला। वहीं संकाय सदस्य डॉ. प्रीति सांगवान, डॉ. प्रीति, डॉ. रुचि, डॉ. नेहा, डॉ. पिंकी और डॉ. प्रदीप ने सक्रिय भूमिका निभाई।

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