छात्रों का आरोप: 3 बार एमएलआर काटी, तीनों रिपोर्ट अलग, दिल्ली एम्स से करवाएं मेडिकल
हिसार, 28 जून (हप्र)चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (हकृवि) में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के बाद छात्रों को लगी चोटों की मेडिकल जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए जिला अदालत में याचिका दायर की गई है। छात्रों ने दिल्ली स्थित एम्स के चिकित्सकों से उनकी मेडिकल जांच करवाने की मांग की है। इस याचिका पर 1 जुलाई को सुनवाई होगी।
छात्रों की तरफ से अदालत में याचिका दायर करने वाले एडवोकेट विक्रम मित्तल ने बताया कि घायल छात्रों की तीन बार एमएलआर काटी गई और तीनों रिपोर्ट अलग-अलग हैं। पहली रिपोर्ट में एक से पौने दो इंच की चोटें दिखाई गई, जबकि तीसरी रिपोर्ट में छह इंच की चोटें बताई गई। वास्तविक घाव सात इंच का है। उन्होंने बताया कि चोटें गंभीर प्रकृति की हैं और यह मामला हत्या के प्रयास में आता है। छात्र पक्ष का आरोप है कि डॉक्टरों पर दबाव बनाया गया और बाद में विभिन्न संगठनों व नेताओं के दबाव में दोबारा मेडिकल रिपोर्ट तैयार की गई।
सहायक प्रोफेसर की जमानत याचिक खारिज
छात्रों पर हमले के आरोप में गिरफ्तार हकृवि के सहायक प्रोफेसर राधेश्याम की नियमित जमाानत याचिका जिला अदालत ने खारिज कर दी। इस बारे में सिविल लाइन थाना पुलिस ने 11 जून को घायल छात्र दीपांशु की शिकायत पर विवि रजिस्ट्रार, सहायक प्रोफेसर राधेश्याम, चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर के अलावा महिला सुरक्षा गार्ड सहित पांच गार्ड के खिलाफ गैर इरादतन हत्या प्रयास सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी।
मामले के अनुसार मंगलवार 10 जून को विद्यार्थी पुरानी छात्रवृत्ति के नियमों को बहाल करने सहित अन्य मांगों को लेकर कुलपति कार्यालय में उनसे मुलाकात करने के लिए एकत्रित हुए लेकिन सुरक्षा गार्डों ने विद्यार्थियों के साथ बर्बतापूर्वक मारपीट की। इसके बाद मंगलवार रात 10:15 बजे सभी विद्यार्थी कुलपति डॉ. बीआर कंबोज के आवास पर शांतिपूर्वक ढंग से धरने पर बैठ गए।
उसी समय कुलपति की गाड़ी आई और उनके आदेशों की पालना करते हुए रजिस्ट्रार प्रवन कुमार ने प्रोफेसर राधेश्याम मांजू, चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर सुखबीर सिंह व विवि के सुरक्षा गार्डों ने उन पर लाठियों से हमला कर दिया। इस हमले में छात्र दीपांशु, आनंद, मोहित कुमार, निखिल, विक्रम, राहुल, चक्षु आदि घायल हो गए जिनमें से कइयों के सिर पर चोटें लगी।