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एमबीबीएस घोटाले का खुलासा करने वाले छात्र को मिलेगी पुलिस सुरक्षा

रोहतक, 16 जनवरी (निस) पीजीआईएमएस में एमबीबीएस परीक्षा घोटाले को उजागर करने वाले छात्र को पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा पुलिस ने छात्र को कहा है कि किसी भी अनहोनी की आशंका पर तुरंत कॉल करें, जिससे समय...

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रोहतक, 16 जनवरी (निस)

पीजीआईएमएस में एमबीबीएस परीक्षा घोटाले को उजागर करने वाले छात्र को पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा पुलिस ने छात्र को कहा है कि किसी भी अनहोनी की आशंका पर तुरंत कॉल करें, जिससे समय पर पुलिस पहुंच सके। शिकायत करने वाले छात्र को कुछ पुलिसकर्मियों के फोन नंबर दिए गए हैं, जिनसे वह किसी भी तरह के खतरे या यात्रा के दौरान संपर्क कर सकता है। इधर, राज्य अपराध जांच शाखा (सीआईडी) के सक्रिय होने के बाद जिला प्रशासन ने यूएचएसआर को अपनी जांच में तेजी लाने और मामले पर त्वरित कार्रवाई के लिए जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

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इस घोटाले की जांच कर रही एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि पुलिस मुख्य आरोपी की पृष्ठभूमि खंगाल रही है। इस मामले में विश्वविद्यालय के दो कर्मचारी रोशन लाल और रोहित को पहले ही निलंबित किया जा चुका है, जबकि आउटसोर्स पर तैनात तीन कर्मचारियों दीपक, इंदु और रितु की सेवाएं जांच लंबित रहने तक समाप्त कर दी गई हैं।

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डीसी धीरेंद्र खड़गटा और पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया ने कुलपति डॉ. एचके अग्रवाल समेत विश्वविद्यालय के अधिकारियों से लघु सचिवालय में मुलाकात की और जांच से जुड़ी जानकारी पर चर्चा की।

सीआईडी तलब कर चुकी रिपोर्ट : एमबीबीएस परीक्षा घोटाले की जांच क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) करेगा। सीआईडी हेडक्वार्टर ने इस बारे में अपने रोहतक ऑफिस से अभी तक के इनपुट की रिपोर्ट तलब कर ली है। इसके अलावा, परीक्षा घोटाले में शामिल 3 प्राइवेट कॉलेजों के एमबीबीएस-एमडी परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्र बदलने का फैसला लिया गया है। यूनिवर्सिटी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इन प्राइवेट कॉलेजों के प्रोफेसर परीक्षा के दौरान ऑब्जर्वर का भी काम करते थे। जिससे परीक्षा में गड़बड़ी की संभावना बढ़ जाती है।

ऑनलाइन भी रुपये लेते थे कर्मचारी

एमबीबीएस एग्जाम घोटाले में अब तक की जांच में पता चला है कि ये कर्मचारी एमबीबीएस के अलावा एनईईटी-यूजी और फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम में भी स्टूडेंट्स से पैसा लेकर मदद करते थे। इस एग्जाम घोटाले के लिए कर्मचारी स्टूडेंट्स से कैश के अलावा ऑनलाइन बैंकिंग से भी पैसे लेते थे। इसके सबूत भी मिले हैं। दो कर्मचारियों ने स्टूडेंट्स से दो अलग-अलग मामलों में ऑनलाइन पैसा अपने खातों में जमा कराया है।

3 मेंबरी कमेटी करेगी जांच

मामले की जांच के लिए तीन मेंबरी कमेटी गठित की गई है। करनाल के कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ एमके गर्ग के नेतृत्व में समिति कल (17 जनवरी) को अपनी जांच शुरू करेगी। सूत्रों ने बताया कि सभी आरोपियों को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया जाएगा। इस घोटाले में परीक्षा के बाद विश्वविद्यालय से उत्तर पुस्तिकाएं चुराना शामिल था। छात्रों ने मूल सामग्री को मिटाने के बाद कथित तौर पर अपने उत्तर फिर से लिखे। उन्होंने लिखने के लिए मिटाने योग्य स्याही-पेन का इस्तेमाल किया और बाद में हेयर ड्रायर का उपयोग करके सामग्री को मिटा दिया गया।

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