दिल्ली आत्मघाती हमले के दोषियों पर हो कड़ी कार्रवाई : माकपा
किसान-मजदूरों की अनदेखी और सांप्रदायिक उन्माद अब नहीं किया जाएगा बर्दाश्त
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) जिला कमेटी की बैठक बृहस्पतिवार को पार्टी कार्यालय में मास्टर बलबीर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में दिल्ली में हुए आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा की गई और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए राज्य सचिव मंडल सदस्य कॉमरेड रमेश चंद्र और सुरेंद्र मलिक ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद केवल कॉरपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाया है, जबकि मेहनतकश किसान और मजदूर लगातार लूट का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों की वापसी के बावजूद सरकार अब भी एमएसपी पर कानूनी गारंटी देने से पीछे हट रही है।
नेताओं ने कहा कि खाद, बीज और डीजल के दाम बेकाबू हैं, जबकि फसलों के भाव लागत से भी कम हैं। चार श्रम संहिताओं के जरिए 8 घंटे काम का अधिकार छीना गया और ठेका प्रथा को बढ़ावा दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी-आरएसएस देश में सांप्रदायिक उन्माद फैलाकर जनता को असली मुद्दों से भटकाने की साजिश कर रहे हैं।
माकपा नेताओं ने कहा कि हरियाणा में निर्माण मजदूर बोर्ड लगभग निष्क्रिय कर दिया गया है और मनरेगा कार्य भी बंद पड़े हैं, जिससे मजदूरों को न काम मिल रहा है न ही कोई राहत। उन्होंने कहा कि यह सब कारपोरेट-सरकार गठजोड़ की देन है, जो देश की एकता और धर्मनिरपेक्षता पर हमला है।
बैठक में बताया गया कि सीटू, किसान सभा और खेत मजदूर यूनियन 26 नवंबर को देशभर में राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेंगे। माकपा जींद इकाई ने इस आंदोलन का पूर्ण समर्थन करते हुए जिला मुख्यालय पर किसानों और मजदूरों के साथ उतरने का ऐलान किया। बैठक में कॉमरेड कपूर सिंह, नरेश दनोदा, संदीप जाजवान, प्रकाश चंद्र, पवन कुमार, सुरेश करसोला, नूतन और राजेश कुमार सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
