स्टाॅम्प घोटाला : 9 लोगों को नोटिस के बाद 6 ने जमा कराए 3 लाख
मदन लाल गर्ग/ हप्र
फतेहाबाद,17अप्रैल
फतेहाबाद के चर्चित स्टाॅम्प घोटाले में प्रयोग किए स्टॉम्प पेपरों पर रजिस्ट्री करवाने वाले 6 लोगों ने 2,96,975 की राशि राजस्व विभाग के खाते में जमा करवा दी। जबकि बाकी 3 से अभी भी करीब साढ़े 5 लाख की रिकवरी बाकी है। दूसरी ओर पुलिस प्रशासन की जांच अभी तक घोटाला करने वालों लोगो के गिरेबान तक नहीं पहुंच पाई। जबकि तहसील कार्यालय को शहर थाना में 8 लाख 60 हजार घोटाले का मामला दर्ज करवाए 1 महीना बीत चुका है। यदि मामले की तह तक जाएं तो ये घोटाला करोड़ों तक पहुंच सकता है। जिसमें ऐसे क्षेत्रों की तबादला डीड से रजिस्ट्री की गई, जिन क्षेत्रों में धारा-7 के तहत रजिस्ट्री पर पाबंदी लगी हुई है।
एसडीएम ने 9 लोगों को रिकवरी के लिए समन जारी करके 15 अप्रैल को पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया था, लेकिन हैरानीजनक बात यह है कि 6 लोगों ने 2,96,975 रुपए की राशि राजस्व विभाग में जमा करवाकर चालान तो एसडीएम कार्यालय में जमा करवा दिया, लेकिन समन के बावजूद कोई व्यक्ति ब्यान दर्ज करवाने के लिए एसडीएम कोर्ट में पेश नहीं हुआ। एसडीएम कार्यालय को भी यह पता नहीं कि पैसे किसने जमा करवाए, जबकि जमा करवाए चालान फॉर्मो पर रजिस्ट्री नंबर व उसके धारक का नाम लिखा है। एसडीएम कोर्ट ने सभी लोगों को दोबारा सम्मन भेजकर 15 दिन में एसडीएम अदालत में पेश होने को कहा है। जब एसडीएम राजेश कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सभी को 15अ प्रैल तक का समय दिया गया था, लेकिन किसी भी व्यक्ति ने पेश होकर अपने बयान दर्ज नहीं करवाए, जिस पर दोबारा सम्मन भेजे गए हैं। अब पैसे कौन, कितने जमा करवा गया, इसकी हमारे कार्यालय में कोई जानकारी नहीं है।
इन 6 लोगों ने चालान भरकर जमा करवाए
एसडीएम कार्यालय में सरकारी खजाने में पैसे जमा करवाकर जो 6 चालान दिए गए हैं, उसके हिसाब से रजिस्ट्री नंबर 9027 भट्टू मंडी निवासी दिव्या पत्नी पारुल के 22,200 रुपए, रजिस्ट्री नंबर 2848 स्नेहा पत्नी राकेश कुमार के 1,10,000 रुपए, रजिस्ट्री नंबर 9029 रेनू पत्नी महिंद्र 23,550 रुपए, रजिस्ट्री नंबर 10045 गुरमेल पुत्र गुरदेव खुम्बर के 54,225 रुपए रजिस्ट्री नंबर 4476 सुनील पुत्र इंद्र पाल 43,000 रुपए तथा रजिस्ट्री नंबर 2493 के घनश्याम उर्फ शामलाल पुत्र उत्तम चंद के 44,000 रुपए के चालान भरकर जमा करवाए गए, लेकिन एसडीएम कार्यालय को यह नहीं पता कि ये पैसे उपरोक्त रजिस्ट्रियों के अगेंस्ट किसने जमा करवाए हैं, क्योंकि कोई भी रजिस्ट्री धारक एसडीएम कोर्ट में पेश होकर अपने बयान दर्ज नहीं करवाकर गया। जिस पर सभी 9 लोगों को दोबारा सम्मन भेजकर 15 दिन में पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है।
कंप्यूटर ऑपरेटर ने दर्ज करवाए ब्यान
इसी बीच रजिस्ट्री कंप्यूटर में फीड करने वाले जिन 2 ऑपरेटरों को डीसी ने तलब किया था। पता चला है कि ऑपरेटर तरुण ने अपने बयान दर्ज करवा दिए। जबकि एक महिला ऑपरेटर मैटरनिटी छुट्टी पर है। सूत्रों से पता चला है कि ऑपरेटर तरुण से जब पूछा गया कि उसने रजिस्ट्री में लगे दोनों स्टाॅम्प पेपरों को डी-फेस क्यों नहीं किया तो उसने कहा कि उसके सामने एक ही स्टाॅम्प पेपर आया था। अब यह तो पता नहीं लगा कि डीसी उसके जवाब से कितनी संतुष्ट हैं या नहीं। मामले में कोई कारवाई सामने आने पर ही पता चल पाएगा।