जलभराव से गांव प्रेमनगर में हालात बदतर
जलभराव की समस्या से जूझ रहे गांव प्रेमनगर के हालात दिन-प्रतिदिन बदतर होते जा रहे हैं तथा ग्रामीणों का जन-जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। खेत, रास्ते और गलियां जल से लबालब हैं। जलभराव के कारण किसानों की 200 एकड़ से अधिक जमीन पर खड़ी फसल नष्ट हो गई है। आये दिन घरों में सांपों के घुसने के कारण लोग भयभीत हैं। मच्छरों एवं गंदगी की भरमार के कारण गांव में महामारी फैलने की आशंका है। गांव की बाहरी बस्ती में 20-25 मकानों को भारी नुकसान भी हुआ है।
कुछ दिन पहले ही भिवानी उपायुक्त साहिल गुप्ता ने गांव प्रेमनगर में जलभराव की स्थिति देखते हुए संबंधित अधिकारियों को तुरंत गांव से जल निकासी के आदेश मौके पर ही दिए थे, परन्तु संबंधित विभाग द्वारा जल निकासी के जो प्रबंध किए गए, वो नाकाफी हैं और अब स्थिति गंभीर बनती जा रही है। गांव में जलभराव के हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि गांव के रास्ते व गलियां एक नदी की तरह दिख रहे हैं। गांव की फिरनी, खेल के मैदान और स्कूल भी तालाब बन चुके हैं।
गांव की मुख्य सड़क और खेतों में दो-दो फुट तक पानी खड़ा है। कई जगहों से गांव का संपर्क भी टूट गया है और पानी की सप्लाई भी प्रभावित हो चुकी है। इस बारे में ग्राम विकास एवं शिक्षा समिति के महासचिव रमेश बूरा ने कहा कि गांव प्रेमनगर में चारों तरफ जलभराव के कारण गांव समुंद्र में टापू की तरह नजर आ रहा है।
ग्रामीणों ने सरकार को दी 131 एकड़ जमीन
गांव प्रेमनगर के लोगों ने चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय के लिए 131 एकड़ जमीन फ्री में हरियाणा सरकार को दी है, इसके बावजूद गांव के लोग विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं। गांव को आदर्श गांव बनाना तो दूर जलभराव ने लोगों की कमर तोड़ दी है। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गांव के विकास के लिए कई घोषणाएं की थीं, उनके लिए अभी तक गांव के लोग तरस रहे हैं। किसी योजना पर अमल नहीं हुआ। जिला प्रशासन द्वारा पिछले वर्ष गांव को बाढ़ मुक्त बनाने की योजना में शामिल किया गया था, वह काम भी अभी तक पूरा नहीं हुआ।
क्या कहते हैं सरपंच
गांव के सरपंच राजेश बूरा ने कहा कि पूरा गांव जलमग्न हो चुका है। कई जगहों से गांव का संपर्क टूट चुका है। चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय के लिए 131 एकड़ भूमि फ्री में देने के बावजूद गांव अनेक सुविधाओं से वंचित है। गांव के विकास के लिए हरियाणा सरकार ने कई घोषणाएं की थी, परन्तु वे पूरी नहीं की गईं। जिसके कारण ग्रामीणों में रोष है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि शीघ्र जलभराव से मुक्ति नहीं मिली तो किसी भी समय गांव प्रेमनगर के ग्रामीणों का गुस्सा फूट सकता है।