साहब... सब्सिडी न मिलने से हुआ बर्बाद, आत्महत्या की दें अनुमति
मशरूम खेती के लिए सरकारी सब्सिडी न मिलने और भूमि संबंधी एनओसी नहीं मिलने से परेशान किसान ने कर्ज के बोझ के चलते आत्महत्या की अनुमति मांगते हुए दादरी डीसी कार्यालय में हंगामा कर दिया। धारणी गांव के किसान भूप सिंह ने दावा किया कि बागवानी विभाग के माध्यम से बैंक से लोन लेकर शुरू किये गए प्रोजेक्ट की सब्सिडी लगभग तीन वर्षों से लंबित है।
अधिकारियों के चक्कर काटने और सीएम विंडो पर समाधान नहीं मिला तो किसान ने कर्ज की मार से आत्महत्या के लिए दादरी डीसी से अनुमति मांगी है। किसान ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा, साहब... सरकारी सब्सिडी नहीं मिलने से बर्बाद हो गया। कर्ज के कारण पहले बेटा की अटैक आने से मौत हो गई, अब ऐसे में आत्महत्या करने के अलावा कोई समाधान नहीं है।
हालांकि डीसी द्वारा मामले में जांच के लिए कमेटी बनाकर समाधान का आश्वासन दिया है। बता दें किदादरी जिले के गांव धारणी निवासी किसान भूप सिंह ने मशरूम प्रोजेक्ट के लिए तीन वर्ष पहले बैंक से लोन लेकर खेती शुरू की थी। लोन की पूरी अदायगी करने के बावजूद उसे करीब 12 लाख रुपये की सरकारी सब्सिडी अब तक नहीं मिली है।
किसान का आरोप है कि जब वह भूमि की एनओसी लेने गया तो अधिकारियों ने रिश्वत की मांग की। कई बार अधिकारियों से गुहार लगाने के बाद भी समाधान नहीं निकला। यहां तक कि उसने सीएम विंडो पर भी शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। किसान ने दादरी डीसी को लिखित अनुमति पत्र देकर कहा है कि यदि उसे राहत नहीं मिली तो वह 19 सितंबर को डीसी कार्यालय में ग्रामीणों और परिवार के साथ पहुंचकर जहर खाकर आत्महत्या करेगा। उसने जहर की शीशी दिखाते हुए कहा कि इस कदम के लिए संबंधित विभागों के अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
मामला संज्ञान में आया, कमेटी बनाई
इस पूरे मामले पर जिलाधिकारी डॉ. मुनीश नागपाल ने कहा कि किसान को सब्सिडी न मिलने की शिकायत उनके संज्ञान में आई है। किसान को समझाने का प्रयास किया जा रहा है और मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी गई है। कमेटी जांच कर ठोस कार्रवाई करेगी।