मदन लाल गर्ग/हप्र
फतेहाबाद, 30 जून
प्रदेश में स्कूलों में ग्रीष्मावकाश समाप्त हो गए। आज मंगलवार एक जुलाई से सभी स्कूल खुलेंगे। करीब एक महीने बाद स्कूलों में रौनक लौटेगी। लेकिन स्कूल खुलने से पहले बच्चे व अध्यापक स्वयं सफाई में लग गए हैं, या फिर आज लगेंगे ताकि विद्यार्थियों को स्कूल आने पर स्वच्छ वातावरण मिले।
जिले में 389 प्राइमरी स्कूल हैं। इनमें से 290 प्राइमरी स्कूलों में सफाई कर्मचारी ही नहीं है। करीब यही दशा मिडल व उच्च विद्यालय में भी है। ऐसे में इन स्कूलों में या तो टीचर खुद सफाई करते हैं या फिर स्टूडेंट्स से करवाते हैं। एक महीने तक स्कूल बंद रहने के कारण स्कूलों में धूल, मिट्टी जम जाती है। दीवारों पर मकड़ी के जाले, टेबलों व फर्श पर मिट्टी का गुबार चढ़ा रहता है। ऐसे माहौल में स्टूडेंट्स को फिर से पढ़ाई करने के लिए सफाई करना जरूरी हो जाता है।
एक अध्यापक ने बताया कि बरसात का मौसम चलने के कारण एक-एक कमरे की सफाई करने के साथ बच्चों के बैठने वाले बेंचों को भी उठाकर देखना पड़ता है कि कहीं सांप या कोई अन्य कोई जीव-जंतु तो नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों में वर्षा ऋतु में अक्सर खाली पड़े कमरों में लगे बेचों वगैरा के नीचे सांप आदि डेरा डाल लेते हैं।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले ग्रीष्मावकाश में बंद पड़े स्कूलों की देखभाल करने के लिए शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा की ओर से ग्राम पंचायतों को पत्र जारी किया गया था, जिसमें ग्राम पंचायतों से कहा गया था कि जब तक स्कूल नहीं खुलें, तब तक वह अपने स्तर पर स्कूलों की देखभाल व साफ-सफाई करवाएं, लेकिन अधिकांश ग्राम पंचायतों ने इस पत्र को कोई तवज्जो नहीं दी। कुछ स्कूलों में नियुक्त अध्यापक सरपंच से अपने संबंधों के चलते साफ-सफाई का कार्य करवा लेते हैं।
प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य चेयरमैन बोले...
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य चेयरमैन देवेंद्र सिंह दहिया ने बताया कि फतेहाबाद जिले में 290 प्राइमरी स्कूलों में सफाई कर्मी नहीं है। इसलिए टीचर्स और स्टूडेंट्स को खुद ही सफाई करनी पड़ती है। स्वच्छता बेहद जरूरी है। इसलिए प्रदेश सरकार को हर प्राइमरी स्कूल में सफाई कर्मचारी नियुक्त करना चाहिए।