‘संतोष वशिष्ठ ने एमरजेंसी में लोकतंत्र को जिंदा रखने में निभाई अहम भूमिका’
लोकतंत्र प्रहरी एवं समाजसेवी संतोष वशिष्ठ की श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। राजस्थान, चंडीगढ़, नई दिल्ली व प्रदेश के विभिन्न नगरों से आए लोगों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर सांसद धर्मबीर सिंह ने कहा कि संतोष वशिष्ठ का सारा जीवन संघर्षशील रहा। उन्होंने विपरीत हालातों में में भी अपने समाचारपत्र चेतना का प्रकाशन नियमित रूप से जारी रखा व एमरजेंसी में लोकतंत्र को जिंदा रखने में अपनी अहम भूमिका निभाई। भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने कहा कि संतोष वशिष्ठ के संघर्ष व त्याग-तपस्या को देखकर ही आपातकाल हटने के बाद तत्कालीन श्रममंत्री सुषमा स्वराज ने अपने भिवानी दौरे के दौरान चेतना सदन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान ही संतोष वशिष्ठ के योगदान को लेकर हरियाणा की आयरन लेडी की उपाधि दी थी। पूर्व विधायक डा. शिवशंकर भारद्वाज व प्रदेश सेवानिवृत्त डीजीपी एसएन वशिष्ठ ने कहा कि संतोष वशिष्ठ सामाजिक, सेवाभावी महिला थी, जिन्होंने विभिन्न आपदाओं के बाद भी अपने परिवार को संस्कारित जीवन जीने की प्रेरणा दी। गिरिराज जागृति मिशन के अध्यक्ष डाॅ. एमएल शर्मा व रामप्रताप शर्मा ने कहा कि वे धार्मिक, मिलनसार प्रवृति की महिला थी।
इस अवसर पर वैश्य महाविद्यालय ट्रस्ट के प्रधान शिवरतन गुप्ता एडवोकेट ने कहा कि संतोष वशिष्ठ का जाना समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है, वह एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व की धनी थी। प्रसिद्ध समाजसेवी व वैश्य मॉडल स्कूल के महासचिव बृजलाल सर्राफ ने कहा कि उनका संपूर्ण जीवन आमजन के लिए अनुकरणीय व प्रेरणादायक है।
इनके अलावा शोक प्रकट करने वालों में भिवानी के विधायक घनश्याम दास सर्राफ, सफीदों के विधायक रामकुमार गौतम, पूर्व मंत्री जेपी दलाल, पूर्व विधायक राशी परमार, भाजपा जिला अध्यक्ष वीरेन्द्र कौशिक, भाजपा नेता नंदराम धानिया, शंकर धूपड़, जगत नारायण, रमेश बंसल, नरोत्तम बागड़ी, प्रो. आत्मप्रकाश शर्मा, शर्मा, नंद किशोर अग्रवाल, डा. पीके आनंद ने श्रद्धांजलि अर्पित की।