भारतीय संस्कृति के दर्शन का अभिन्न अंग है संस्कृत : अरविंद
झज्जर, 29 जून (हप्र)
सहकारिता पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि संस्कृत को विश्व की सबसे पूर्ण भाषा माना गया है, जोकि देश की एकता व अखंडता को एक सूत्र में बांधती है। समाज को यह जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि हमारी युवा पीढ़ी अपनी भाषा, अपनी संस्कृति को आगे बढ़ाएं।
यह बात झज्जर के कस्बा बेरी स्थित लाला दयाराम तिगडानिया सरस्वती शिक्षा मन्दिर विद्यालय में संस्कृत भारती हरियाणा द्वारा आयोजित प्रबोधन वर्ग के समापन सत्र में डॉ अरविंद शर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि संस्कृत महज प्राचीन भाषा नहीं है, अपितु यह भारतीय संस्कृति, दर्शन, साहित्य व धार्मिक परंपराओं का अभिन्न अंग है।
भाजपा सरकार द्वारा संस्कृत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गांव मूंदड़ी में महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है जो आधुनिक विश्व में संस्कृत शिक्षण व अनुसंधान के माध्यम से संस्कृत व इसके ज्ञान को पुनर्जीवित कर रहा है। इस अवसर पर स्वामी राघव देव, पद्मश्री आचार्या सुकामा, संघ चालक सुरेन्द्र, क्षेत्र संगठन मंत्री नरेन्द्र कुमार, वर्ग अधिकारी डॉ खजान सिंह, प्रान्त मंत्री प्रमोद शास्त्री, प्रचार प्रमुख सतेन्द्र कुमार, अशोक बिचोली, जयपाल, रविन्द्र, पीताम्बर, मनमोहन शर्मा, दिनेश, देवेन्द्र, प्रदीप ऐरन, अशोक शर्मा, सुमित्रा धनखड़ आदि उपस्थित रहे।