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संत कबीर की शिक्षा पहले से भी ज्यादा प्रासंगिक : स्वामी राघवानंद

जींद, 12 अप्रैल (हप्र) संत कबीर ने समाज को सांप्रदायिक सौहार्द का जो संदेश दिया था, आज वह पहले से भी ज्यादा प्रासंगिक है। समाज में सभी को बराबरी मिलनी चाहिए। यह बात शनिवार को जींद के निर्जन गांव के...
जींद के निर्जन गांव के डेरा घीसापंथी में प्रवचन करते स्वामी राघवानंद। -हप्र
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जींद, 12 अप्रैल (हप्र)

संत कबीर ने समाज को सांप्रदायिक सौहार्द का जो संदेश दिया था, आज वह पहले से भी ज्यादा प्रासंगिक है। समाज में सभी को बराबरी मिलनी चाहिए। यह बात शनिवार को जींद के निर्जन गांव के डेरा घीसापंथी में पूर्णिमा पर आयोजित सत्संग में स्वामी राघवानंद ने कही। उन्होंने कहा कि संत कबीर दास अपने समय के सबसे बड़े संत थे। वह हिंदू-मुस्लिम, अमीर-गरीब और जाति के आधार पर भी किसी भी तरह के भेदभाव का विरोध करते थे। जब उन्होंने काशी से 80 किलोमीटर दूर अपनी देह त्यागी, तब उनकी समाधि के नीचे दो फूल मिले थे। स्वामी राघवानंद ने संगत से सभी का सम्मान करने, किसी के साथ भी जाति, धर्म और अमीरी गरीबी के आधार पर किसी भी तरह का भेदभाव नहीं करने का आह्वान किया। इस मौके पर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के निदेशक अमित खत्री की माता गौ भक्त कृष्णा देवी, वीटा मिल्क प्लांट के पूर्व सीईओ राजेंद्र सिंह आदि भी थे।

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