रोहतक बना मिसाल : हर गांव से जुड़े रेडक्रॉस स्वयंसेवक
रोहतक प्रदेश का पहला जिला बन गया है जहां रेडक्रॉस समिति से प्रत्येक गांव का स्वयंसेवक जुड़ चुका है। ये वॉलिंटियर्स न केवल जरूरतमंद दिव्यांग व वरिष्ठ नागरिकों की पहचान करेंगे, बल्कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान में भी सक्रिय भागीदारी निभाएंगे। वे भ्रूण लिंग जांच जैसी अवैध गतिविधियों पर नजर रखकर संबंधित जानकारी प्रशासन तक पहुंचाएंगे। यह जानकारी देते हुए उपायुक्त धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि पिछले छह महीनों में 2000 से अधिक युवाओं को रेडक्रॉस और हॉस्पिटल वेलफेयर सेक्शन का आजीवन सदस्य बनाया गया है। इन्हें फर्स्ट एड, होम नर्सिंग और सीपीआर का प्रशिक्षण भी दिया गया है। जिला के सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्र भी यूथ रेडक्रॉस टीम से जोड़े जा रहे हैं।
वॉलिंटियर्स गांव स्तर पर दिव्यांगों और बुजुर्गों की सूची बनाकर उन्हें उपकरण उपलब्ध करवाने में मदद करेंगे। इनके लिए व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाए जा रहे हैं। जिला भर में 365 रक्तदान शिविर व 400 से अधिक स्वास्थ्य जांच शिविर हर वर्ष आयोजित किए जाते हैं। अब बड़े गांवों में नेत्र जांच और दिव्यांग शिविर भी आयोजित किए जाएंगे।
उपायुक्त ने बताया कि आगामी परीक्षाओं (26-27 जुलाई) में दिव्यांग परीक्षार्थियों की सहायता के लिए रेडक्रॉस वॉलिंटियर्स व्हीलचेयर सहित केंद्रों पर तैनात रहेंगे। सभी स्वयंसेवकों को प्रशासन द्वारा सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।