मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, जीएम को सौंपा ज्ञापन
इस दौरान कर्मचारी नेताओं ने कहा कि रोडवेज कर्मचारियों के साथ सरकार बार-बार बातचीत कर केवल आश्वासन दे रही है, लेकिन समस्याओं का ठोस हल नहीं निकल रहा। डिपो प्रधान देवेंद्र घोड़ेला ने कहा कि विभाग द्वारा तैयार की गई तबादला नीति में कई खामियां हैं। यूनियन ने इन पर लिखित आपत्ति दर्ज करवा दी थी और इसे रद्द करने की मांग भी की थी, लेकिन सरकार इस नीति को लागू करने पर अड़ी हुई है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जबरन इसे लागू किया गया तो रोडवेज कर्मचारी आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। ऑनलाइन तबादला नीति को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को अपने वायदे के अनुसार खाली पदों पर जल्द भर्ती और प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। निजीकरण की नीति को रोका जाए और विभाग में दस हजार नई बसें शामिल की जाएं।
चालकों का वेतनमान 53,100 रुपये और परिचालकों व लिपिकों का 35,400 रुपये किया जाए। राज्य कैशियर सुशील इक्कस और नरवाना सब-डिपो प्रधान सुरेंद्र पालवा ने कहा कि 22 मई 2025 को परिवहन महानिदेशक के साथ हुई बातचीत में कई मुद्दों पर सहमति बनी थी।
इनमें चालकों, परिचालकों और लिपिकों का पे ग्रेड बढ़ाना, चालकों को नियुक्ति तिथि से पक्का करना, 2004 से पहले भर्ती कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना में शामिल करना, एक माह में 30 रात्रि ठहराव का भुगतान, अर्जित अवकाश पूर्व की भांति 33 दिन करना, चालकों की पदोन्नति के लिए 194 अड्डा इंचार्ज पद सृजित करना और कर्मशाला के कर्मचारियों को तकनीकी वेतनमान देना शामिल था।
उन्होंने कहा कि 2008 के भर्ती परिचालकों को उपनिरीक्षक पद पर प्रमोशन देना, 10 साल से लंबित बोनस का भुगतान करना, रिक्त पदों पर लेखाकार, अधीक्षक और जूनियर एडिटर का प्रमोशन करना तथा लिपिकों की प्रमोशन की अवधि 12 साल से घटाकर 8 साल करना भी उन मांगों में शामिल था, जिन पर विभाग ने सहमति जताई थी। लेकिन अब तक इन्हें लागू नहीं किया गया।
कर्मचारी नेताओं ने साफ कहा कि यदि सरकार ने यूनियन को बुलाकर बातचीत से इन मांगों का समाधान नहीं किया तो हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन प्रदेशव्यापी आंदोलन की घोषणा करने को मजबूर होगी। प्रदर्शन के बाद यूनियन नेताओं ने डिपो महाप्रबंधक राहुल जैन को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर रमेश परिचालक, अनिल परिचालक, सुनील दौड़ी, बलजीत मान, कर्मवीर घोघड़ियां, वीरेंद्र, दिनेश आदि खासतौर पर मौजूद रहे।