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बीडीपीओ कार्यालय की मरम्मत डेढ़ साल से अधर में, अफसर कर रहे अस्थायी भवन से काम

नरेश कुमार/निस ऐलनाबाद, 8 मई हल्के के नाथूसरी चौपटा बीडीपीओ कार्यालय के जर्जर भवन की मरम्मत कार्य को शुरू हुए डेढ़ वर्ष बीत चुका है, लेकिन यह कार्य अब तक पूरा नहीं हो सका। मरम्मत किये जा रहे भवन की...
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नरेश कुमार/निस

ऐलनाबाद, 8 मई

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हल्के के नाथूसरी चौपटा बीडीपीओ कार्यालय के जर्जर भवन की मरम्मत कार्य को शुरू हुए डेढ़ वर्ष बीत चुका है, लेकिन यह कार्य अब तक पूरा नहीं हो सका। मरम्मत किये जा रहे भवन की छत पर लेंटर तो डल चुका है, मगर दीवारों में दरारें, टूटी खिड़कियां, गेट साफतौर पर मरम्मत कार्य की लापरवाही की पोल खोल रही हैं। जहां कार्यालय में मलबे के ढेर पड़े हैं तो वहीं अधिकारी व कर्मचारी डेढ़ साल से पास में बने राजीव गांधी सेवा केंद्र के भवन, मनरेगा के भवन व काॅन्फ्रेंस हाल में कुर्सी मेज लगाकर काम चला रहे हैं।

ऐसे में 51 ग्राम पंचायतें अपने विकास कार्य के लिए बीडीपीओ कार्यालय में हर रोज विकास कार्यों के आस में आते हैं, लेकिन बीडीपीओ कार्यालय खुद विकास के लिए तरस रहा है तो ग्रामीण विकास की आस कैसे पूरी होगी। मरम्मत कार्य रुके होने के चलते बीडीपीओ कार्यालय का सारा कामकाज बीते डेढ़ वर्ष से राजीव गांधी सेवा केंद्र से चलाया जा रहा है। इससे न केवल अधिकारियों और कर्मचारियों को असुविधा हो रही है, बल्कि आम जनता को भी आवश्यक सेवाओं के लिए भटकना पड़ रहा है।

नाथूसरी चौपटा बीडीपीओ कार्यालय के मरम्मत कार्य के लिए करीब 64 लाख की राशि स्वीकृत की गई थी। इसके लिए 1 नवम्बर 2023 को वर्क ऑर्डर जारी किया गया है, जोिक दी गाजुवाला गोल्डन एमपी सोसायटी लिमिटेड के नाम से रिनोवेशन ऑफ़ बिल्डिंग एगस्टिंग के लिए जारी किया गया है। हालांकि बजट का कुछ हिस्सा खर्च होने के बावजूद भवन अब तक उपयोग लायक नहीं बन पाया है। बाद में ठेकेदार ने काम बंध कर दिया. उसके बाद से न तो कार्यालय के कमरों से मलबा हटाया गया और न ही मरम्मत का कार्य शुरू किया गया। हालांकि कार्यालय में हर रोज करीब 25 अधिकारी व कर्मचारी आते हैं। वहीं 51 ग्राम पंचायतों के सरपंच, ब्लाक समिति सदस्य और अन्य ग्रामीण आते रहते हैं। फिर भी कोई समाधान नहीं किया गया है। इस संबंध में कार्यालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मरम्मत कार्य में विभागीय उदासीनता के चलते काम अधूरा है।

वहीं, स्थानीय लोगों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सरकारी कार्यालय की मरम्मत ही डेढ़ साल में नहीं हो पा रही, तो आमजन की समस्याएं कौन सुनेगा? इसकी जांच होनी चाहिए और जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। एक अधिकारी ने बताया कि कार्य के लिए करीब डेढ़ साल पहले कार्यालय के मरम्मत कार्य के लिए करीब 64 लाख की राशि स्वीकृत की गई थी। इसके लिए 1 नवम्बर 2023 को वर्क ऑर्डर जारी किया गया है। जोकि दी गाजुवाला गोल्डन एमपी सोसायटी लिमिटेड के नाम से रिनोवेशन ऑफ़ बिल्डिंग एगस्टिंग के लिए जारी किया गया है।

संबंधित विभागों से पुराने कार्यों की एनओसी मांगी

बीडीपीओ सार्थक श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यालय की मरम्मत का कार्य पहले शुरू किया गया था, लेकिन अब ठेकेदार ने बंद कर दिया है और काम आधा अधूरा पड़ा है, इससे काफी परेशानी हो रही है। आला अधिकारिओ को अवगत करवा दिया गया है। कार्यालय के कमरों को बैठने लायक बनाने के लिए पंचायत समितियों से सहायता लेने की बात चल रही है। इसके लिए सम्बन्धित विभाग से पुराने कार्य की एनओसी मांगी गई है। वह मिलते ही पंचायत समितियों की सहायता कमरों में बैठने लायक जगह बनाई जाएगी।

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