बेटियों को बचाने और समान अधिकार दिलाने का लिया संकल्प
जिला के गांव राजगढ़ में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में ग्रामीणों को बेटियों के घटते अनुपात और इससे समाज पर पड़ रहे दुष्प्रभावों...
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जिला के गांव राजगढ़ में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में ग्रामीणों को बेटियों के घटते अनुपात और इससे समाज पर पड़ रहे दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया गया।कार्यक्रम की अगुवाई कर रही विभाग की सुपरवाइजर मंजू ने कहा कि बेटियों की संख्या में लगातार गिरावट समाज के लिए गंभीर खतरे का संकेत है। यह केवल आंकड़ों की कमी नहीं, बल्कि हमारे सोचने के तरीके की त्रुटि है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि बेटा-बेटी में भेदभाव करने वाली सोच अब समाज के लिए बोझ बन चुकी है और इसे समय रहते बदलना होगा।
उन्होंने ग्रामीणों को समझाया कि बेटी सिर्फ एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक शक्ति, एक उज्जवल भविष्य की नींव है। जब बेटियां शिक्षित और आत्मनिर्भर होंगी, तभी समाज सशक्त होगा। इस मौके पर गांव की महिलाओं ने भी बेटी बचाओ अभियान का समर्थन करते हुए बेटियों को बराबरी का दर्जा देने की शपथ ली।
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कार्यक्रम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व स्थानीय महिलाओं की सक्रिय भागीदारी रही। सुपरवाइजर मंजू ने अंत में कहा कि बेटी है, तभी कल है। अब समय आ गया है कि हम सिर्फ नारे न लगाएं, बल्कि बेटियों को सम्मान देने की सोच को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।
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