सैमाण में मंदिर की जमीन विवाद को लेकर पंचायत, ग्रामीणों ने बनाई कमेटी
जिले के महम के सैमाण गाँव स्थित सतगुरु मंदिर की जमीन को लेकर उठे विवाद ने जोर पकड़ लिया है। रविवार को मंदिर प्रांगण में इस मुद्दे पर बड़ी पंचायत बुलाई गई, जिसकी अध्यक्षता सैमाण तपा प्रधान हुकम सिंह ने की। पंचायत पूर्व विधायक उमेद सिंह की चिट्ठी के बाद आयोजित हुई, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि तकरीबन 150 एकड़ जमीन पाँच गाँव - सैमाण, बेडवा, भैणी चंद्रपाल, मातो और भैणी सुरजन, ने संयुक्त रूप से मंदिर को दान की थी और यह जमीन मंदिर समाध के नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज है। पंचायत में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मंदिर के गद्दीनशीन महंत सतीश दास हाल ही में तहसील जाकर जमीन अपने नाम दर्ज करवाने का प्रयास कर चुके हैं, जो पूरी तरह गलत है। वकील धन सिंह ने बताया कि मामला फिलहाल एसडीएम कोर्ट में विचाराधीन है और इसकी अगली सुनवाई सितंबर में होगी। पंचायत में सर्वसम्मति से पाँच सदस्यों की कमेटी गठित की गई, जो सोमवार को एसडीएम से मिलकर महंत द्वारा दायर केस वापस लेने की मांग करेगी।
ग्रामीणों ने साफ कहा कि मंदिर की जमीन गाँव की आस्था और विश्वास से जुड़ी है, जिसे किसी व्यक्ति के नाम नहीं होने दिया जाएगा।
महंत बोले-जमीन अपने नाम करवाने का फिलहाल कोई इरादा नहीं
पंचायत में मौजूद महंत सतीश दास ने कहा कि वे जमीन के काश्तकार व दोहलीदार हैं और नियमों के अनुसार दोहलीदार ही असली मालिक माना जाता है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जमीन अपने नाम करवाने का फिलहाल कोई इरादा नहीं है और पंचायत जो निर्णय करेगी, वे उसे मानेंगे। महंत का दावा था कि उन्होंने मंदिर की जमीन घटाने के बजाय बढ़ाने का काम किया है और कुछ लोग बेवजह माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।