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ऑनलाइन सिस्टम बना सिरदर्द, सोनीपत में राशन वितरण ठप

जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) बार-बार तकनीकी गड़बड़ियों की चपेट में आ रही है। सितंबर माह की शुरुआत में करीब दो सप्ताह तक साफ्टवेयर अपडेट के कारण डिपो पर वितरण बंद रहा और अब एक बार फिर पीओएस मशीनों...

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जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) बार-बार तकनीकी गड़बड़ियों की चपेट में आ रही है। सितंबर माह की शुरुआत में करीब दो सप्ताह तक साफ्टवेयर अपडेट के कारण डिपो पर वितरण बंद रहा और अब एक बार फिर पीओएस मशीनों ने काम करना बंद कर दिया है। नतीजा यह कि 8 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को सरसों का तेल और चीनी नहीं मिल पा रही। लगातार हो रही इन समस्याओं से डिपो धारक और उपभोक्ता दोनों परेशान हैं।

राशन वितरण व्यवस्था पूरी तरह ऑनलाइन है। हर माह डिपो धारकों की पीओएस मशीनों पर उपभोक्ताओं का डेटा अपलोड होता है। इसके बाद लाभार्थी बायोमैट्रिक हाजिरी दर्ज करवाकर गेहूं, चीनी और तेल ले सकते हैं। इस बार भले ही राशन समय पर डिपो तक पहुंच गया, लेकिन तकनीकी खामी के कारण मशीनें ठप हो गईं। इससे डिपो पर लंबी कतारें लग रही हैं और लोग बार-बार चक्कर काटने को मजबूर हैं।

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नयी सुविधा पर भी लगी ब्रेक

सितंबर से उपभोक्ताओं के लिए एक नई योजना शुरू हुई थी। अब वे चाहें तो एक लीटर सरसों का तेल 30 रुपये में ले सकते हैं। वहीं दो लीटर खरीदने पर उन्हें 100 रुपये चुकाने होंगे। छोटे परिवारों के लिए यह विकल्प उपयोगी साबित हो सकता था, लेकिन मौजूदा तकनीकी खामियों के कारण तेल का वितरण पूरी तरह रुक गया है।

जिले का हाल

जिले में 2 लाख 20 हजार से अधिक राशन कार्ड बने हुए हैं। इनमें से करीब 2,04,500 बीपीएल श्रेणी के कार्ड हैं। इनसे जुड़े उपभोक्ताओं की संख्या 8 लाख से अधिक है। बड़ी आबादी होने के कारण तकनीकी खामी का असर और भी गहरा हो गया है। उपभोक्ताओं का कहना है कि उन्हें रोजाना डिपो पर जाना पड़ रहा है, लेकिन खाली हाथ लौटना पड़ता है।

डिपो धारक भी असहज

पुराने डिपो धारक त्रिलोक जैन बताते हैं कि सितंबर की शुरुआत में साफ्टवेयर अपडेट के कारण वितरण बाधित रहा था। कुछ दिन पहले मशीनें ठीक हुईं, मगर अब तेल और चीनी की एंट्री ही नहीं हो पा रही। उन्होंने बताया कि मुख्यालय को समस्या से अवगत करा दिया गया है और आश्वासन दिया गया है कि जल्द ही मशीनें दुरुस्त कर दी जाएंगी।

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