पुरानी पेंशन नीति कर्मचारी व अधिकारियों का संवैधानिक अधिकार : वीरेंद्र धनखड़
केंद्र व राज्य स्तर पर विपक्ष की चुपी से भी कर्मचारियों में नाराजगी, हरियाणा कर्मचारी महासंघ ने किया समर्थन
पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष समिति ने सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगा शुक्रवार को विरोध जताया और प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से ज्ञापन सौंपा। हरियाणा कर्मचारी महासंघ ने पुरानी पेंशन नीति को बहाल करने की मांग की। महासंघ के पूर्व प्रांतीय महासचिव एवं रोडवेज कर्मचारी यूनियन हरियाणा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह धनखड़ ने कहा कि पुरानी पेंशन नीति कर्मचारियों का हक है और सरकार इसे अब छीनने पर लागू है।
उन्होंने आश्चर्य जताया कि एक संवैधानिक देश में 35 तथा 40 वर्ष सरकारी सेवाएं देने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए सरकार जो नई पेंशन नीति लाई गई है, उससे कर्मचारियों व अधिकारियों के सम्मान हितों की अनदेखी हुई है। उनकी पेंशन जो कि बुढापे का सहारा है, वह सरकार को यह पंसद नहीं है और नई पेंशन नीति के तहत उनके अधिकारों पर कुठारघात कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ तो कर्मचारियों की पेंशन बंद रही है, वहीं दूसरी तरह अपने नेताओं की पेंशन में लगातार बढ़ोतरी कर रही है। उन्होंने कहा कि मामले में विपक्ष की चुपी से भी सवालिया निशान खड़ा हो रहा है। धनखड़ ने कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारियों व अधिकारियों का हक है और जिसे सरकार नहीं छीन सकती।
उन्होंने चेताया कि अगर सरकार ने जल्द कर्मचारी हित में समिति की मांगों को पूरा नहीं किया तो प्रदेश स्तरीय बैठक बुलाकर बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। इस अवसर पर ओपीएस संघर्ष समिति के जिला प्रधान अनिल स्वामी, पूर्व वित्त सचिव दिलबाग अहलावत, जिला प्रधान जोगेन्द्र बल्हारा, दीपक बल्हारा, मनोज कुमार, कृष्ण शर्मा, विजयपाल, नरेश सिवाच, सुरेश नेहरा सहित संबंधित विभिागों के कर्मचारी नेताओं ने पुरानी पेंशन नीति लागू करने की मांग की।