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सीबीएलयू में परीक्षा परिणामों की गड़बड़ी और शुल्क वृद्धि के खिलाफ एनएसयूआई ने किया प्रदर्शन

जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय (सीबीएलयू) में परीक्षा परिणामों में अनियमितताओं और बढ़े हुए शुल्क को लेकर बुधवार को एनएसयूआई ने प्रदर्शन किया है। छात्र दोहरी समस्या से जूझ रहे हैं। एक तरफ...
भिवानी में शुल्क वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन करते एनएसयूआई के छात्र। -हप्र
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जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय (सीबीएलयू) में परीक्षा परिणामों में अनियमितताओं और बढ़े हुए शुल्क को लेकर बुधवार को एनएसयूआई ने प्रदर्शन किया है। छात्र दोहरी समस्या से जूझ रहे हैं। एक तरफ मई 2025 में हुई मुख्य और पुनर्मूल्यांकन परीक्षाओं के परिणाम अभी तक जारी नहीं हुए हैं, वहीं कई छात्रों को जिन विषयों में वे पहले पास थे, उनमें भी पुनर्मूल्यांकन का गलत दर्जा दे दिया गया है।

एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष मनजीत लांगायन और छात्रा नेत्री सुमन ने विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक से मुलाकात कर छात्रों की समस्याओं को बताते हुए ज्ञापन सौंपा। उन्होंने परीक्षा परिणामों में सुधार और सही अंक जारी करने के साथ-साथ अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

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एनएसयूआई का आरोप है कि पास होने के लिए आवश्यक 20 अंक के बजाय जानबूझकर 19 अंक देकर छात्रों को फेल दिखाया है। दूसरी बड़ी समस्या विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा शैक्षणिक सत्र 2025-26 से परीक्षा शुल्क में भारी वृद्धि है। यूजी कोर्स का शुल्क 500 से बढ़कर 550, पीजी कोर्स 600 से 650, बीएड/एमएड स्पेशल 700 से 800, डिप्लोमा कोर्स 1100 से 1200 कर दिया गया है।

पुनर्मूल्यांकन शुल्क भी यूजी के लिए 700 से 800 और पीजी के लिए 750 से 900 कर दिया गया है। साथ ही, मेडिकल या दुर्घटना जैसी परिस्थितियों के लिए लेखक शुल्क 2000 प्रति सेमेस्टर/वर्ष लगाया गया है, जो छात्रों के लिए अतिरिक्त आर्थिक बोझ साबित हो रहा है। एनएसयूआई ने शुल्क वृद्धि को वापस लेने और गरीब-मध्यम वर्गीय छात्रों के लिए रियायतें देने की भी अपील की।

परीक्षा नियंत्रक ने छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए जल्द समाधान का आश्वासन दिया है। एनएसयूआई ने चेतावनी दी है कि यदि समस्याओं का समाधान शीघ्र नहीं हुआ तो आंदोलन तेज किया जाएगा। यह संघर्ष छात्रों के अधिकारों की रक्षा की लड़ाई बन गया है।

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