एनआईआरएफ रैंकिंग: हकृवि पिछड़ा, गुजविप्रौवि आगे बढ़ा
केंद्र सरकार के शिक्षा विभाग के नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की वर्ष 2025 की जारी रैंकिंग में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (हकृवि) तीन अंक लुढ़क कर सात से दसवें पायदान पर आ गया है। हालांकि हिसार के गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने अपनी रैंकिंग में काफी सुधार किया है वहीं महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय भी इस रैंकिंग में काफी पिछड़ा है। एनआईआरएफ रैंकिंग के अनुसार हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय वर्ष 2023 में कृषि और उससे संबंधित क्षेत्रों में दसवें पायदान पर था। पिछले साल वर्ष 2024 में विवि ने कुछ सुधार किया और इस रैंकिंग के सातवें पायदान पर आ गया लेकिन इस साल जारी रैंकिंग में हकृवि फिर से दसवें पायदान पर आ गया है। खास बात यह है कि वर्ष 2022 में राज्य पब्लिक विश्वविद्यालय में हकृवि की रैंकिंग 99 में थी जो पिछले साल 48 पर आ गई थी लेकिन इस बार शीर्ष 100 की सूची में विवि को शामिल नहीं किया गया है। इसी प्रकार गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की बात करें तो यह पिछले साल राज्य पब्लिक विश्वविद्यालयों में 47वीं रैंकिंग पर था जो अब सुधर कर 32वीं हो गई है। इसी प्रकार कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय पिछले साल 41वीं रैंकिंग पर था और इसने सुधार कर 35वां स्थाना बना लिया है। दूसरी तरफ रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय जो पिछले साल 35वें स्थान पर था, इस बार गिरकर 46वें स्थान पर आ गया है।
हकृवि तीसरे से दसवें स्थान पर आया : सरियल
चौधरी श्रवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर अशेाक के.सरियल ने अपने फेसबुक पेज पर हकृवि कुलपति के एक दावे की खबर की कटिंग को पोस्ट कर टिप्पणी की है कि एनआईआरएफ रैंकिंग को लेकर कुलपतियों में होड़ लगी हुई है लेकिन वे ईमानदारी से दावे नहीं कर रहे हैं बल्कि चयनात्मक तुलना करके स्वयं को बड़ा दिखा रहे हैं। उन्होंने लिखा कि सच्चाई यह है कि हरियाणा में 62 विश्वविद्यालय है लेकिन ओवरऑल रैंकिंग के शीर्ष 100 में किसी ने स्थाना हासिल नहीं किया है। जबकि पंजाब में 6, जम्मू एवं कश्मीर में 3, उत्तराखंड में 2 और हिमाचल प्रदेश में एक विवि ने ओवरऑल रैंकिंग में स्थान हासिल किया है। उन्होंने लिखा कि हकृवि एक बार तीसरे स्थान पर था जो अब दसवें स्थान पर आ गया है।