घटते लिंगानुपात के लिये बीएएमएस डॉक्टरों को जिम्मेदार ठहराने पर नीमा ने जताया विरोध
भिवानी, 14 मई (हप्र)
हरियाणा में घटते लिंगानुपात को लेकर स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक ने बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी) चिकित्सकों को जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद चिकित्सकों में भारी आक्रोश है। अधिकारियों ने बीएएमएस पर आरोप लगाया कि कुछ आयुर्वेदिक चिकित्सक अवैध रूप से भ्रूण लिंग जांच और गर्भपात में संलिप्त हैं, जिससे कन्या भ्रूण हत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं और लिंगानुपात गिर रहा है। महानिदेशक के इस बयान को नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (नीमा) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. आरबी गोयल ने समस्त निमा की तरफ विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि नीमा ने कन्या भ्रूण हत्या का हमेशा विरोध किया तथा सरकार के कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूकता अभियानों में भी कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया है, ऐसे में महानिदेशक द्वारा हरियाणा में घटते लिंगानुपात का जिम्मेदार बीएएमएस को ठहराना अनुचित है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में एक जांच कमेटी बैठानी चाहिए। डा. आरबी गोयल ने कहा कि महानिदेशक ने बीएएमएस चिकित्सकों पर बिना साक्ष्य के इतने बड़े आरोप लगाकर उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है, जबकि सच्चाई तो यह है कि बीएएमएस डॉक्टर वर्षाें से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं तथा कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ समय-समय पर विशेष जागरूकता अभियान भी चलाते हैं। उन्होंने कहा कि एमटीपी व पीएनडीटी अधिनियम को नियंत्रित करना तथा निगरानी करना जिला के मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जिम्मेदारी है तथा वे इस कार्य में पूरी तरह से विफल रहे हैं।