एनईपी से विकसित भारत के सपने को साकार करने में मिलेगी मदद : प्रो. टंकेशवर
उन्होंने शिक्षकों की भूमिका को राष्ट्र निर्माण में अत्यंत महत्वपूर्ण बताया तथा एनईपी 2020 के क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार के प्रयासों को सराहा। कुलपति ने कहा कि कौशल विकास, बहुविषयक शिक्षा व नवाचार पाठ्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए, इससे विकसित भारत के सपने को साकार करने में मदद मिलेगी।
हकेवि में एमएमटीटीसी के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार एवं उपनिदेशक प्रो. तनु गुप्ता ने कार्यक्रम की रूपरेखा, उद्देश्य एवं अपेक्षित परिणामों की जानकारी प्रतिभागियों से साझा की। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक प्रो. हुरिकेश सेनापति ने समग्र एवं बहुविषयक शिक्षा पर केंद्रित वक्तव्य प्रस्तुत किया।
उन्होंने बताया कि एनईपी 2020 केवल पाठ्यवस्तु आधारित शिक्षा से आगे बढ़कर संवेदनशील, रचनात्मक एवं आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने अकादमिक विषयों की दीवारें तोड़कर कला, विज्ञान, मानवीकी एवं व्यावसायिक विषयों को एकीकृत पाठ्यक्रम में जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया।
द्वितीय सत्र में एनसीईआरटी की वरिष्ठ शिक्षाविद् एवं पूर्व डीन (शैक्षणिक) प्रो. सरोज यादव ने समग्र शिक्षा की अवधारणा पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कौशल आधारित शिक्षा, जीवन कौशल शिक्षण एवं अनुभवात्मक शिक्षण की महत्ता को रेखांकित किया।
कार्यक्रम के संयोजक तथा कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग में सहायक आचार्य डॉ. नितिन गोयल एवं श्री अनंत राजी बारा ने बताया कि यह कार्यक्रम भारतीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा प्रणाली को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी और गुणवत्तापूर्ण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में देशभर के 21 विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थानों से 83 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं।