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एनडीसी फर्जीवाड़ा बना जंजाल : अब कृषि/बागवानी की दर्शायी हुईं 25 रजिस्ट्रियों की सूची आई सामने

नप को प्रॉपर्टी टैक्स व ब्याज समेत 27 लाख रुपये का चूना लगने की आशंका
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इकबाल सिंह शांत/निस

डबवाली, 2 जुलाई

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भ्रष्टाचार में लिप्त तहसील व नगर परिषद के बीच एनडीसी फर्जीवाड़े का जाल लगातार ‘जंजाल’ बन रहा है। डबवाली तहसील में 24 अनाधिकृत क्षेत्रों की रजिस्ट्रियों की अभी डीआरओ स्तर पर जांच प्रक्रिया अधीन है। अब कृषि/बागवानी रकबा दर्शा हुईं 25 रकबों रजिस्ट्रियों की सूची सामने आई है, जिनमें एनडीसी पोर्टल पर प्रॉपर्टी आईडी (पीआईडी) में रकबों की संपति श्रेणी को ‘कृषि/बागवानी’ दर्शाया गया। इन रजिस्ट्रियों का करबा करीब 31695 वर्ग गज बताया जाता है, जिससे नगर परिषद डबवाली को बकाया प्रॉपर्टी टैक्स करीब 14,26,275 रुपये व अनुमानित एकमुश्त 82 प्रतिशत ब्याज समेत लगभग 27 लाख रुपये का चूना लगने की संभावना है। सूत्र बताते हैं कि ‘बकाया नहीं’ सर्टिफिकेट निकालने व रजिस्ट्री के उपरांत आईडी को पोर्टल से कथित डिलीट कर दिया गया। दैनिक ट्रिब्यून ने गत 28 जून को ‘डबवाली में हुई 24 अनाधिकृत रकबों की रजिस्ट्रियां’ खबर में ‘कृषि/बागवानी’ रकबे की इन रजिस्ट्रियों का अग्रिम ज़िक्र किया था। बता दें कि डीएमसी सिरसा ने 24 अनाधिकृत रकबों की रजिस्ट्री मामले में डीसी सिरसा को पत्र लिखा था। जिसके बाद पहले तहसीलदार डबवाली व पुन: डीआरओ सिरसा को जांच सौंपी गयी है।

सूत्रों के मुताबिक यह सारा खेला पोर्टल पर खोज ऑप्शन में संपत्ति आईडी न मिलने पर नयी आईडी बनाने की सुविधा के माध्यम से किया जा रहा है। ताकि गत 15 वर्षों का तयशुदा 25 पैसे प्रति प्रॉपर्टी टैक्स और अनुमानित एकमुश्त 82 प्रतिशत ब्याज, विकास शुल्क व भविष्य के प्रॉपर्टी टैक्स आदि बचाया जा सके। बताया जाता है कि एनडीसी पोर्टल पर ओटीपी के माध्यम से ‘स्व-घोषणा’ कर खेला किया गया। जांच में अब ओटीपी मोबाइलकर्ता ही आरोपी की भूमिका माना जायेगा। जांच में 25 रकबे अनाधिकृत अथवा अधिकृत होने की सूरत मुकद्दमा व विकास शुल्क अदायगी आदि के ‘गिफ्ट’ भी जमीन मालिकों को मिलने संभव हैं। कृषि/बागवानी’ रकबे दर्शाकर की रजिस्ट्रियाें में मीना, रमेश चन्द्र, प्रीत कौर व परविन्द्र कौर, बिमलादेवी, बलराज, उर्वेश, राजिंदर कौर, लखवीर सिंह व अमरिंदर सिंह, दिनेश कुमार, मोहित शर्मा, मनजीत कौर, गुरपाल सिंह, केशव कुमार, जगसीर सिंह, सुखविंदर कौर व मनजीत कौर, परवेज, विनोद, सुनील कुमार, अमित कुमार, रानी देवी व बलवीर कौर, सुजाता, रविंदर कुमार, राहुल व मुकेश कुमार, बलजीत सिंह व किरनजीत कौर के नाम शामिल बताये जाते हैं। बता दें कि एनडीसी पोर्टल पर स्व-घोषणा में गलत जानकारी देना भारतीय दंड संहिता और हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1994 के तहत व हरियाणा नगरपालिका अधिनियम 1973 के तहत दंडनिय अपराध है।

डीसी बोले- जांच होगी, स्थाई हल तलाश रहे

डीसी सिरसा शांतनु शर्मा ने कहा कि 24 अनाधिकृत क्षेत्रों की रजिस्ट्रियों की जांच प्रक्रिया में है। वहीं कृषि/बागवानी रकबा के रजिस्ट्रियों की जांच भी की जाएगी। समस्या के स्थाई हल भी तलाशे जा रहे हैं।

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