नेशनल हाईवे पर गड्ढों की भरमार, वाहन चालक परेशान
राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर-9 पर वाहन चालकों की मुश्किलें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। खरावड़ बाईपास से भैणी महाराजपुर गांव तक करीब 50 किलोमीटर लंबे हाईवे पर जगह-जगह गड्ढों की भरमार है। हालात यह हैं कि दुपहिया वाहन चालकों को आए दिन हादसों का डर सताता है। वाहन चालक सागर भारद्वाज, परमवीर और राधेश्याम ने बताया कि गहरे गड्ढे अचानक सामने आने पर बाइक सवारों का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। उन्होंने बताया कि गांव मायना के पास तो बाईपास पर इतना बुरा हाल है कि दो-दो फीट गहरे गड्ढे हैं।
चार पहिया वाहन चालकों को भी अपनी गाड़ियों को बचाने के लिए बार-बार अचानक ब्रेक लगाने पड़ते हैं। सतबीर और सुनील का कहना है कि महीने भर में लाखों रुपये टोल टैक्स वसूला जाता है, लेकिन सड़क की हालत जस की तस है। उन्होंने कहा कि सड़क पर बने गहरे गड्ढे बरसात के मौसम में और खतरनाक हो जाते हैं। पानी भरने के बाद गड्ढे दिखाई नहीं देते। उन्होंने कहा कि यह हाईवे दिल्ली-फतेहाबाद-सिरसा जैसे बड़े रूट को जोड़ता है और रोजाना हजारों गाड़ियां इस पर दौड़ती हैं। लेकिन सड़क की बदहाली ने इसे यात्रियों के लिए खतरनाक बना दिया है। लोगों का कहना है कि जब तक सड़क की मरम्मत नहीं होती, सरकार को टोल वसूली पर रोक लगानी चाहिए। वरना गड्ढों से भरी इस सड़क पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
मदीना टोल पर बंद पड़ी आधी लाइनें, जाम हुआ आम
मदीना टोल पर वाहन चालकों से टैक्स तो वसूला जा रहा है, लेकिन सुविधाएं नाममात्र की भी नहीं मिल रही हैं। यहां 12 लाइनें निर्धारित की गई हैं, मगर कर्मचारियों की मनमानी से 5 लाइनें बंद कर दी गई हैं। नतीजा यह कि अक्सर टोल पर लंबा जाम लग जाता है और लोगों को कई देर तक फंसा रहना पड़ता है। ओवरलोड वाहनों पर लगाम लगाने के लिए टोल के दोनों तरफ लगाए गए भार मापक धर्म काटे भी कई सालों से बंद पड़े हैं। ये केवल दिखावा साबित हो रहे हैं।