जुलाना सीएचसी में जच्चा-बच्चा की मौत, परिजनों ने चिकित्सकों पर लगाए लापरवाही के आरोप
सोमवार सुबह करीब 11 बजे उसे प्रसव पीड़ा के चलते सीएचसी जुलाना में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों ने बताया कि उसका ब्लड प्रेशर अधिक है। इसके बाद उसे इंजेक्शन दिया गया और आधे घंटे इंतजार करने को कहा गया। परिजनों के अनुसार, कुछ देर बाद स्वीटी ने सिर में तेज दर्द की शिकायत की। वे चिकित्सकों को बुलाने गए, लेकिन डॉक्टर नहीं पहुंचे।
थोड़ी देर में स्वीटी के मुंह से झाग निकलने लगे और उसकी मौत हो गई। साथ ही गर्भ में पल रहे बच्चे की भी जान चली गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि अगर समय पर उपचार किया जाता तो दोनों की जान बच सकती थी। स्वीटी के दो छोटे बच्चे सात साल की एक बेटी और तीन साल का बेटा हैं। चिकित्सकों ने 27 अक्तूबर को डिलिवरी की तारीख दी थी लेकिन डिलिवरी होने से पहले ही उसकी मौत हो गई।
इस संबंध में एसएमओ डॉ. संजीव शर्मा ने बताया कि महिला को उच्च रक्तचाप (बीपी) की समस्या थी। कुछ दिन पहले उसे पीजीआई रोहतक में दांत के इलाज के लिए ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने बीपी की दवा दी थी। सोमवार को अस्पताल में इलाज के दौरान महिला को दौरा पड़ा, जिससे उसकी मौत हो गई।
