अपनी ससुराल के गांवों में भरा पानी नहीं निकाल पाए मंत्री : दुष्यंत
पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा, बालसमंद में किसान की मौत दुर्भाग्यपूर्ण
पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश सरकार पर किसानों के प्रति उपेक्षा और संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि सरकार में बैठे मंत्री अपनी ससुराल के गांवों से भी बरसाती पानी नहीं निकलवा पा रहे हैं। हिसार स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह स्थिति स्पष्ट करती है कि सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है।
उन्होंने बालसमंद में धरने के दौरान किसान की हुई मौत को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि बीते ढाई महीनों में सरकार ने न तो बाढ़ और बारिश के कारण गांवों में भरे पानी को निकालने की ठोस व्यवस्था की और न ही किसानों को मुआवजा दिया। जींद विश्वविद्यालय में छात्रा के यौन शोषण मामले और तीन प्रोफेसरों के निलंबन पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश की यूनिवर्सिटियों की स्थिति बेहद चिंताजनक हो चुकी है।
उन्होंने रोहतक एमडीयू का हवाला देते हुए कहा कि वहां विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यहां तक कि नेक ग्रेडिंग रद्द होने की जानकारी भी सरकार को समय पर नहीं दी गई। चौटाला ने बताया कि जजपा डेलीगेशन के साथ उन्होंने हाल ही में राज्यपाल से मुलाकात कर इस मामले पर विस्तृत ज्ञापन सौंपा।
उन्होंने प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठाए और कहा कि आए दिन लूट, डकैती, फिरौती और अपहरण जैसी वारदातें आम हो चुकी हैं। दुष्यंत ने दावा किया कि प्रदेश की सरकार वास्तव में मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि केंद्र में बैठे नेता चला रहे हैं। इससे पहले दुष्यंत चौटाला ने जुलाना रैली की तैयारियों को लेकर पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की और हिसार से भारी उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने हिसार में कई कार्यक्रमों में शिरकत भी की।
