इंग्लैंड में मीनाक्षी ने वर्ल्ड चैंपियन का खिताब किया अपने नाम
एक समय था जब बेटियों व महिलाओं को जो मान सम्मान मिलना चाहिए था वह नहीं मिल पाता था, लेकिन जैसे जैसे समय बदल रहा है आज बेटियां व महिलाएं हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही है और प्रदेश व देश का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर विदेशों में देश का झंडा फहरा रही है। हाल ही में गढ़ी सांपला किलोई हलके के गांव रूड़की निवासी मीनाक्षी हुड्डा ने 48 किग्रा भार वर्ग में विश्व मंच पर भारत का परचम लहराया है। मीनाक्षी ने कजाकिस्तान की 3 बार की विश्व चैंपियन नाजिम काइजेबे को रोमांचक मुकाबले में 4-1 के विभाजित निर्णय से हराकर वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया। मीनाक्षी एक साधारण परिवार से है और उसके पिता श्रीकृष्ण हुड्डा आटो रिक्शा चलाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं, जबकि मां सुनीता देवी साधारण गृहणी है। मीनाक्षी चार भाई बहनों में सबसे छोटी है। मां ने बताया कि जब बेटी ने बॉक्सिंग की शुरूआत की तो आसपास के लोग ताने मारते थे कि यह बेटी के बस की बात नहीं है, लेकिन परिजनों ने बेटी को बेटों की तरह पाला और उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। परिजनों का कहना है कि बेटियां बेटों से कम नहीं है और आज हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही हैं, बस जरूरत इतनी है कि बेटियों को आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए।