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यौन उत्पीड़न मामले में एमडीयू की सख्ती, दोषी प्राध्यापक को सेवा से किया बर्खास्त

चाणक्य चेयर की स्थापना सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय, 35 एजेंडों पर विचार-विमर्श
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हरीश भारद्वाज/ हप्र

रोहतक, 30 जून

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महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) की कार्यकारी परिषद की बैठक में यौन उत्पीड़न के मामले में इमसॉर के प्राध्यापक डॉ. अशोक कुमार को सेवा से बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया।

यह कार्रवाई इंटरनल कंप्लेंट कमेटी की अनुशंसा पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत की गई। कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय महिला सम्मान और सुरक्षित कार्य वातावरण को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। बैठक में कुल 35 एजेंडों पर विचार हुआ। प्रमुख निर्णयों में कक्षा से अनुपस्थित रहने पर प्राध्यापिका डॉ. अपर्णा भारद्वाज को निलंबित करना तथा शारीरिक शिक्षा विभाग के प्राध्यापक डॉ. कुलताज की पीएचडी डिग्री रद्द कर लगभग 18 लाख रुपये की रिकवरी शामिल है। भारतीय ज्ञान परंपरा को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय में आचार्य चाणक्य चेयर की स्थापना का निर्णय लिया गया, जो शासन, अर्थव्यवस्था और नैतिकता से जुड़े शोध को प्रोत्साहित करेगी। इसके अलावा 16 शिक्षकों और 27 गैर-शिक्षक कर्मियों की पदोन्नति को मंजूरी दी गई।

जरूरतमंद और मेधावी छात्रों को यूजी-पीजी कोर्स फीस में छूट देने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में कार्यकारी परिषद सदस्य- केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश, धर्मशाला के कुलपति प्रो. एस.पी. बंसल, भगत फूल सिंह महिला विवि की पूर्व कुलपति प्रो. सुषमा यादव, प्रो. बीबी गोयल, डीन, एकेडमिक अफेयर्स प्रो. ए.एस. मान, प्रो. रणदीप राणा सहित कई शिक्षाविद एवं अधिकारी उपस्थित रहे।

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