अविश्वास प्रस्ताव की बैठक से पहले मास्टर स्ट्रोक, जिला परिषद चेयरपर्सन मनीषा भाजपा में शामिल
जिला परिषद की चेयरपर्सन मनीषा रंधावा के खिलाफ 24 फरवरी को होने वाली अविश्वास प्रस्ताव की बैठक से पहले बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम हुआ है। मनीषा रंधावा ने अपने पति कुलदीप रंधावा के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया, जिससे विरोधी खेमे में हलचल मच गई है।
शुक्रवार को रोहतक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने मनीषा रंधावा को पार्टी की सदस्यता दिलाई। वह जजपा के समर्थन से जिला परिषद की चेयरपर्सन बनी थीं, लेकिन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी विनेश फोगाट के लिए प्रचार किया था। करीब एक माह पहले कुलदीप रंधावा ने सीएम नायब सैनी के साथ सोशल मीडिया पर अपनी फोटो डाली थी और कहा था कि अब वह भाजपा के सदस्य हैं, लेकिन भाजपा के जिला अध्यक्ष तेजेंद्र ढुल ने इसे नकार दिया था और कहा था कि मनीषा रंधावा भाजपा में शामिल नहीं हुई हैं। इस पर अब मनीषा रंधावा ने रोहतक में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ोली की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थाम विराम लगा दिया है।
बता दें कि दो दिसंबर 2024 को 18 पार्षदों ने डीसी को शपथ पत्र देकर अविश्वास प्रस्ताव बुलाने की मांग की थी। 13 दिसंबर, 22 जनवरी और 11 फरवरी को बैठकें डीसी की अनुपस्थिति के कारण स्थगित हो चुकी हैं। हाईकोर्ट के निर्देश पर अब 24 फरवरी को विशेष बैठक तय हुई है। चेयरपर्सन को कुर्सी बचाने के लिए 9 पार्षदों की जरूरत है, जबकि विरोधियों को 18 पार्षद चाहिए।
भाजपा में जाने से समीकरण बदले
मनीषा रंधावा के भाजपा में शामिल होने से विरोधियों की रणनीति कमजोर हो सकती है। अगर भाजपा समर्थक पार्षद उनके खिलाफ वोट डालते हैं, तो यह अनुशासनहीनता होगी। वहीं, यदि अविश्वास प्रस्ताव गिर जाता है, तो एक साल तक दोबारा प्रस्ताव नहीं लाया जा सकेगा। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि भाजपा जिला परिषद को लेकर कोई रणनीतिक डील की है, जिसका खुलासा 24 फरवरी के बाद होगा।