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लोकेंद्र फौगाट की याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने बार काउंसिल चुनाव लड़ने से किया इनकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने 6 नवंबर को पूर्व बार एसोसिएशन प्रधान लोकेंद्र फौगाट की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल के चुनाव में उम्मीदवार के रूप में भाग लेने की अनुमति मांगी थी। अदालत...
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दिल्ली हाईकोर्ट ने 6 नवंबर को पूर्व बार एसोसिएशन प्रधान लोकेंद्र फौगाट की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल के चुनाव में उम्मीदवार के रूप में भाग लेने की अनुमति मांगी थी। अदालत ने कहा कि चूंकि फौगाट के खिलाफ दो अनुशासनात्मक कार्यवाही अभी लंबित हैं, इसलिए उन्हें राहत नहीं दी जा सकती।लोकेंद्र फौगाट को पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल ने 23 मार्च 2024 के आदेश के तहत भविष्य में किसी भी पद के लिए चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया था। इस आदेश के खिलाफ उन्होंने बार काउंसिल ऑफ इंडिया में पुनरीक्षण याचिका दायर की थी, जिसे 27 फरवरी 2025 को खारिज कर दिया गया।

इसके बाद फौगाट ने दिल्ली हाईकोर्ट में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आदेश को चुनौती देते हुए नई याचिका दायर की। याचिका में उन्होंने भविष्य में किसी भी चुनाव में भाग लेने, पुलिस शिकायत दर्ज कराने, अधिवक्ता अधिनियम की धारा 35 के तहत कार्यवाही शुरू करने और कानूनी अभ्यास से रोकने के निर्देशों को चुनौती दी थी।

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हाईकोर्ट ने 2 अप्रैल 2025 के आदेश में उन्हें कानूनी अभ्यास से रोकने के निर्देश को अगली सुनवाई तक स्थगित कर दिया था, लेकिन चुनाव लड़ने पर कोई राहत नहीं दी। बाद में फौगाट ने पंजाब और हरियाणा बार काउंसिल के आगामी चुनाव में उम्मीदवार बनने की अनुमति के लिए अलग आवेदन दायर किया। इस आवेदन पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 6 नवंबर 2025 को इसे खारिज कर दिया।

अदालत ने अपना निर्णय बार काउंसिल ऑफ इंडिया की 29 अक्तूबर 2025 की अधिसूचना के आधार पर दिया, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि चुनाव से नौ महीने पहले किसी भी अधिवक्ता के खिलाफ अनुशासनात्मक समिति की कोई कार्यवाही लंबित नहीं होनी चाहिए। हाईकोर्ट ने मुख्य याचिका (डब्ल्यूपी(सी) 4154/2025) में प्रतिवादियों को आठ सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। मामला अब 24 अप्रैल 2026 को पुनः सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

 

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