रोहतक, 23 मई (हप्र)
वैशाख मास शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के शुभ अवसर पर बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय में गुरु गोरखनाथ शोधपीठ एवं मानविकी संकाय के संयुक्त तत्वावधान में प्रसार व्याख्यान का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति प्रो. एचएल वर्मा, कुलसचिव मनोज कुमार, मुख्य वक्ता प्रो. मनमोहन शर्मा, विजिटिंग फैक्लटी चौ. बंसी लाल विश्वविद्यालय, सेवानिवृत्त सलाहकार बाबा मस्तनाथ पीठ, इन्दिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर, रेवाड़ी, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. सुधीर मलिक, अधिष्ठाता मानविकी संकाय प्रो. बी.एम. यादव, गुरु गोरक्षनाथ शोधपीठ के निदेशक एवं अध्यक्ष संस्कृत विभाग, डॉ. ब्रह्मप्रकाश, अध्यक्ष राजनीति एवं लोकप्रशासन विभाग, डॉ. सुमन राठी, डॉ. बबलू शर्मा अन्य संकाय के सदस्य उपस्थित रहे। अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. जगदीश भारद्वाज के द्वारा गुरु गोरक्षनाथ के साहित्य में शोधकार्यों के लिए हिन्दी भाषा, संस्कृत भाषा, इतिहास, भूगोल, समाजशास्त्र, शिक्षाविभाग में उनके जीवन मूल्यों, धार्मिक मूल्यों, आध्यात्मिक मूल्यों के प्रति पर्याप्त अवकाश पर प्रकाश डाला।
कुलपति प्रो. एच. एल. वर्मा ने बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के प्रांगण के भौतिक एवं आध्यात्मिक जीवन पक्षों पर सरसता एवं वैज्ञानिक आधार पर प्रकाश डालते हुए विश्वविद्यालय के नवीन आयामों में तकनीकी शिक्षा एवं अध्यात्मिक शिक्षा के सामंजस्य की सार्थकता को मानव जीवन मूल्यों को अनिवार्य मानते हुए पाठ्यक्रम में उन्हें स्थान देने की बात कही। मुख्य वक्ता प्रो. मनमोहन शर्मा, ने विषय की गहराई को देखते हुए गुरु गोरक्षनाथ के अवतरण, उनकी शिक्षाएं, आध्यात्मिक जीवन में उसकी उपादेयता, शोधार्थियों के लिए शोध की दृष्टि से महŸत्वपूर्ण गुरु गोरक्षनाथ के साहित्य पर प्रकाश डाला।