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जींद का सिविल अस्पताल परिसर बना ई-रिक्शा, ऑटो का अवैध स्टैंड

एंबुलेंस तक को नहीं मिल पाता रास्ता, जिंदगी से खिलवाड़

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जींद के सिविल अस्पताल के सामने रास्ते पर खड़ा ई-रिक्शा। -हप्र
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जसमेर मलिक/हप्र

जींद, 27 मई

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जींद का सिविल अस्पताल परिसर को ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा ने इन दिनों पूरी तरह से जकड़ लिया है। ऑटो और ई-रिक्शा ने हालत यह कर दी है कि अस्पताल से गंभीर रूप से घायल या बीमार को दूसरे अस्पताल ले जाने या जिले के किसी दूसरे कस्बे से घायल या बीमार को अस्पताल लाने वाली एंबुलेंस को भी रास्ता नहीं मिलता। गोहाना रोड स्थित जींद के सिविल अस्पताल में हर रोज औसतन 1500 से ज्यादा लोग ओपीडी में अपनी जांच और उपचार के लिए आते हैं।

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इनमें काफी लोग अपने दुपहिया वाहन या कार में परिजनों के साथ अस्पताल पहुंचते हैं। इसके अलावा अस्पताल के मेडिकल और पैरा-मेडिकल स्टाफ के दुपहिया वाहन और कार आदि दूसरे वाहन भी अस्पताल में आते हैं। सिविल अस्पताल के राजकीय कॉलेज के सामने के पूरे गेट को घेर कर ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा खड़े रहते हैं। इस कारण एक गेट को बंद करना पड़ता है। यही नहीं, अस्पताल परिसर के अंदर जाने वाले सभी मुख्य रास्तों पर भी ऑटो और ई-रिक्शा खड़े रहते हैं। एक तरह से अस्पताल परिसर सुबह 8 बजे से दोपहर बाद 2 बजे तक ऑटो स्टैंड जैसा लगता है, जिसमें दूसरे वाहनों के आने-जाने के लिए कोई जगह नहीं बचती।

हर तरफ ई रिक्शा और ऑटो रिक्शा खड़े नजर आते हैं। हालत यह है कि इस दौरान सिविल अस्पताल आने या अस्पताल से जाने वाली एंबुलेंस को रास्ता नहीं मिल पाता, जो मरीज और घायलों की जिंदगी के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ है।

फिर ट्रैफिक पुलिस की मदद मांगी जाएगी : डिप्टी एमएस

इस मामले में सिविल अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉ. राजेश भोला से बात की गई। उनका कहना था कि अस्पताल परिसर से ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा को हटाने तथा अस्पताल के मुख्य गेट को ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा के अवैध कब्जे से मुक्त करवाने की खातिर ट्रैफिक पुलिस की मदद मांगी गई है। पहले भी मदद मांगी गई थी, लेकिन पूरी मदद नहीं मिली। एक बार फिर एसपी कार्यालय को पत्र लिखकर ट्रैफिक पुलिस की मदद अस्पताल परिसर को ई रिक्शा और ऑटो रिक्शा के अवैध जमावड़े को समाप्त करवाने में मांग की जाएगी। अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड के सामने से जरूर ऑटो और ई रिक्शा को पूरी तरह हटवाया गया है।

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