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जींद बाईपास : फ्लाईओवर व सर्विस रोड बने मौत का जाल, अधिकारी आंख मूंदे बैठे

जींद बाईपास रोड पर बने फ्लाईओवर और उनके साथ की सर्विस रोड लोगों की जान के लिए बड़ा खतरा बन चुके हैं। हालत इतनी खराब है कि इनमें थोड़ी सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है। करीब 20 किलोमीटर...
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जयप्रकाश
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जींद बाईपास रोड पर बने फ्लाईओवर और उनके साथ की सर्विस रोड लोगों की जान के लिए बड़ा खतरा बन चुके हैं। हालत इतनी खराब है कि इनमें थोड़ी सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है। करीब 20 किलोमीटर लंबे इस बाईपास पर अनूपगढ़ से नरवाना रोड तक 6 फ्लाईओवर बने हैं। इनमें से किसी भी फ्लाईओवर के साथ की सर्विस रोड वाहनों के लायक नहीं बची। कैथल रोड पर तो सड़क का नामोनिशान तक गायब हो चुका है। भारी वाहन इस रास्ते से चढ़ नहीं पाते और मजबूरी में चालकों को शहर की तरफ के सर्विस रोड का सहारा लेना पड़ता है, जो रॉन्ग साइड है। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

नरवाना रोड फ्लाईओवर जगह-जगह से धंस चुका है। इसी तरह अनूपगढ़ फ्लाईओवर भी कई स्थानों पर बैठ गया है, जिसे बार-बार रिपेयर के लिए बंद करना पड़ रहा है। पिंडारा रोड फ्लाईओवर के दोनों तरफ की सर्विस रोड टूटी पड़ी हैं, जबकि यहां से रोजाना बसों और स्कूल वाहनों का भारी आवागमन होता है। सफीदों रोड फ्लाईओवर के पास भी सड़क पूरी तरह टूट चुकी है। खास बात यह है कि एनएचएआई इन टूटी सड़कों और धंसे फ्लाईओवरों के बावजूद टोल वसूली कर रहा है। नियम के अनुसार टूटी सड़कों पर टोल नहीं लिया जा सकता। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी खुद कई बार यह कह चुके हैं, लेकिन जींद में उन्हीं के विभाग के अधिकारी नियमों को ताक पर रखकर टोल वसूल रहे हैं।

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माननीयों के निर्देशों पर भी नहीं हो रहा अमल

स्थानीय जनप्रतिनिधियों के निर्देश भी बेअसर साबित हो रहे हैं। पिछले महीने सांसद कुमारी सैलजा ने जिला विकास, समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक में एनएचएआई अधिकारियों को सभी सर्विस रोड नए सिरे से बनाने को कहा था, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हुआ। भाजपा विधायक व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण मिड्ढा भी कई बार मरम्मत की मांग कर चुके हैं, मगर अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे।

nकांग्रेसी सांसद जयप्रकाश का कहना है कि इस महीने होने वाली निगरानी समिति की बैठक में एनएचएआई अधिकारियों से जवाब-तलब किया जाएगा। उनसे पूछा जाएगा कि जब सड़कें जगह-जगह से धंसी हुई हैं और सर्विस रोड पूरी तरह टूट चुकी हैं तो लोगों की जान को खतरे में डालकर टोल वसूली क्यों की जा रही है।

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