विवादों की संस्था बन गई जाट धर्मार्थ सभा, अब तक नहीं हुए थे चुनाव, अब कब्जे की जंग
जींद की जाट धर्मार्थ सभा अब विवादों की सभा बनकर रह गई है। कॉलेजियम का विवाद अभी थमा ही था कि पदाधिकारियों के चुनाव पर विवाद शुरू हो गया है। इसमें मंगलवार को कॉलेजियम के लगभग एक दर्जन सदस्य फर्म एंड सोसायटीज के जिला रजिस्ट्रार कुलदीप से मिले। इन लोगों ने आरोप लगाया कि कुछ लोग चोरी- छिपे कॉलेजियम सदस्यों के घर जाकर और उन्हें होटल में बुलाकर उनके दस्तखत तथाकथित सर्वसम्मति के लिए करवा रहे हैं। अर्बन एस्टेट कॉलोनी की जाट धर्मशाला का संचालन जाट धर्मार्थ सभा करती है। 30 साल पुरानी इस संस्था में पहली बार कार्यकारिणी को लेकर विवाद हुआ है। इस विवाद को अब संस्था के तटस्थ सदस्य संस्था और सभा पर कब्जे की साजिश बता रहे हैं। पिछले दिनों जाट धर्मार्थ सभा के कॉलेजियम पर विवाद हुआ था, जिसमें काफी आजीवन सदस्यों में कहा था कि सभा के 2900 सदस्यों में से केवल 1149 सदस्यों की वोटर लिस्ट पर ही कॉलेजियम बनाया गया था। यह विवाद 10 अगस्त को कॉलेजियम के 105 सदस्यों की चुनावी प्रक्रिया पूरी होने के साथ समाप्त हो गया था। 105 सदस्यीय कॉलेजियम के चुनाव के बाद जाट धर्मार्थ सभा की पांच पदाधिकारियों और 17 सदस्यों वाली कार्यकारिणी के गठन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इसमें मंगलवार को कॉलेजियम के लगभग एक दर्जन सदस्य लघु सचिवालय स्थित फर्म एंड सोसायटीज के जिला रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन जिला रजिस्ट्रार कुलदीप सिंह को सौंपा। कॉलेजियम सदस्य छोटू राम किशन शिक्षा समिति के पूर्व प्रधान ईश्वर सिंह लोहचब, स्टेट बैंक के रिटायर्ड चीफ मैनेजर रायसिंह सहारण, रिटायर्ड जिला खेल अधिकारी तेग सिंह मलिक, एडवोकेट ओम सिंह ने कहा कि कुछ लोग संस्था पर कब्जा करना चाहते हैं।