खनन कारोबारी भाइयों के कार्यालयों व घरों में आयकर छापेमारी
दिल्ली से पहुंची 21 सदस्यीय टीम द्वारा सुबह से की जा रही है जांच। माइनिंग जाने में छापेमारी के चलते सैंकड़ों डंपर फंसे, डंपर चालक परेशान
चरखी दादरी, 18 फरवरी (हप्र) खनन कारोबारी भाइयों के कार्यालयों व घरों में मंगलवार सुबह से आयकर विभाग की दिल्ली से पहुंची 21 सदस्यीय टीम जांच के लिए पहुंची। टीम सदस्यों ने सीआरपीएफ जवानों के साथ अटेला कलां, बिरही कलां माइनिंग जोन स्थित माइनिंग कंपनियों के कार्यालयों व उनके दादरी व दातौली गांव में स्थित मकानों पर पहुंचकर जांच की जा रही है। हालांकि टीम सदस्यों ने मीडिया के समक्ष कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। वहीं माइनिंग जोन में आयकर की टीम कार्रवाई के चलते सैंकड़ों डंपर भी फंसे हुए हैं।
आयकर विभाग की टीम के एक कर्मचारी के अनुसार विभाग के डिप्टी डायरेक्टर विकास जाखड़ की अगुवाई में 21 सदस्यीय टीम सीआरपीएफ जवानों के साथ मंगलवार सुबह दादरी शहर की एमसी कॉलोनी स्थित सोनू और मोनू पहल के आवास के अलावा उसके गांव दातौली गांव में मकान पर भी पहुंची। सोनू व मोनू पहल क्रशर ठेकेदार स्वर्गीय जगदीश पहल के बेटे हैं जिनकी वर्ष 2022 में घर के अंदर गोली मारकर हत्या की गई थी। वहीं, टीम ने अटेला कलां के माइनिंग जोन स्थित उनके दो कार्यालय भी सील कर दिए और किसी को बाहर से अंदर और अंदर से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई। माइनिंग में काम करने वाले मशीन ऑपरेटर्स को भी वहां से नहीं निकलने दिया है और वहां पर बैठा रखा है व उनके फोन भी बंद करवाकर रखवा दिए गए हैं। अटेला कलां के माइनिंग क्षेत्र में फंसे डंपर चालक सतीश कुमार व नरेश कुमार ने बताया कि छापेमारी के चलते कामकाज पूरी तरह से बंद है। जिसके चलते सैकड़ों की संख्या में डंपर वहां फंस गए हैं और ट्रक ड्राइवरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बताया कि उन्हें ये जानकारी नहीं कि छापेमारी कहां और किसके द्वारा की गई है लेकिन काम बंद होने के कारण उनको माल नहीं मिल पा रहा है और सुबह से यहां फंसे हुए हैं।
नेता की बताई जा रही है हिस्सेदारी
शुरुआती जानकारी के अनुसार इस माइनिंग कंपनी में रोहतक के एक भाजपा नेता की भी हिस्सेदारी बताई जा रही है जो विधानसभा चुनाव भी लड़ चुका है। नेता के अलावा दिल्ली के एक बिजनेसमैन भी पार्टनर बताया जा रहा है। यह माइनिंग कंपनी साल 2014 से यहां खनन कार्य कर रही है। टीम के एक कर्मचारी ने नाम नहीं छपने की शर्त पर दादरी जिला के एक अधिकारी की मिलीभगत भी हो सकती है, इस बारे में टीम जांच कर रही है। वहीं जांच कार्रवाई दो से तीन दिन चल सकती है।


