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जींद सिविल अस्पताल में डॉक्टर खुद बन गई वार्ड ब्वॉय

टीम वर्क से बचाई गर्भवती महिला और उसके बच्चे की जान
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जसमेर मलिक/हप्र

जींद, 28 जून

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जनमानस में जींद के सिविल अस्पताल की इमेज महज एक रेफरल सेंटर और खासकर गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी करवाने के मामले में है। अस्पताल की इस इमेज को शनिवार को अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ राशि ने उस समय बदल दिया, जब वह एक गर्भवती महिला और उसके बच्चे की जान बचाने के लिए खुद वार्ड ब्वॉय तक बन गई।

हुआ यूं कि जींद के सिविल अस्पताल में मोनिका नामक एक गर्भवती महिला डिलीवरी से पहले अपने साधारण चेकअप के लिए लाई गई थी। डिलीवरी से पहले ही महिला के पेट में ओरनाल नीचे थी, जिसके कारण बच्चे और मां दोनों की जान क़ो खतरा था। अस्पताल की महिला रोग स्पेशलिस्ट डॉ राशी ने बच्चे और मां की जान को खतरे में देखा तो वह खुद गर्भवती महिला को स्ट्रेचर पर लेकर ऑपरेशन थिएटर की तरफ दौड़ी। उन्होंने आनन- फानन में पहले 2 मिनट में बच्चे क़ो बचाया। उसके बाद ऑपरेशन किया।

अस्पताल स्टाफ और डॉ राशी की तारीफ

अस्पताल में डिलीवरी करवाने आई महिला मोनिका ने बताया कि चेकअप के लिए जींद के सरकारी अस्पताल में आए थे। उस दौरान पता चला कि डिलीवरी से पहले ओरनाल दिखाई दे रही है। ऐसे में डॉक्टरों ने बहुत कम समय में सहरानीय काम किया और चंद मिनट में ही बच्चे को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। उसके बाद सफल ऑपरेशन किया गया। मोनिका ने इसके लिए डॉ राशी और अस्पताल स्टाफ का आभार जताया और उनकी खुलकर तारीफ की। वह और उसका बच्चा दोनों सुरक्षित हैं।

ओरनाल पेट में रहने से जा सकती थी बच्चे और मां की जान

गर्भवती महिला की ओरनाल पेट में नीचे गिर जाने से गर्भवती मां और पेट में पल रहे बच्चे दोनो की जान जा सकती थी। यह कहना है डॉ राशी का।

बड़ा चैलेंज था सामने

ऑपरेशन थिएटर में कार्यरत डॉ मृत्युंजय ने बताया कि मोनिका नामक महिला के मामले में बड़ा चैलेंज डॉक्टरों के सामने था। डॉक्टरों ने टीम के साथ इस चैलेंज को पार किया।

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