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विज्ञान अगर जीवन परक न हो तो वह विद्या अविद्या है: प्रो. धर्माणी

भिवानी, 6 फरवरी (हप्र) चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय में विश्व के विज्ञान में भारत का योगदान विषय पर 2 दिवसीय साइंस कॉनक्लेव का समापन हो गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. दिप्ती धर्माणी ने की। बतौर मुख्यातिथि उद्योगपति धर्मेश शाह एवं...

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साइंस कॉनक्लेव में विद्यार्थियों को सम्मानित करते मुख्यातिथि व कुलपति। -हप्र
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भिवानी, 6 फरवरी (हप्र)

चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय में विश्व के विज्ञान में भारत का योगदान विषय पर 2 दिवसीय साइंस कॉनक्लेव का समापन हो गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. दिप्ती धर्माणी ने की। बतौर मुख्यातिथि उद्योगपति धर्मेश शाह एवं बतौर विशिष्ट अतिथि प्रो. एसपी खटकड़, प्रो. अनुराग गौड़ ने शिरकत की। कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी ने कहा कि सम्मेलन से ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों ने प्रतिभा एवं कला और विज्ञान का प्रदर्शन किया। विज्ञान अगर जीवन परक न हो, उसमें मानवीयता न हो तो वह विद्या अविद्या है। उद्योगपति धर्मेश शाह ने फैशन डिजाइनिंग की लैब का उद्घाटन किया व अपने पिता नरेश शाह की स्मृति में स्कॉलरशिप देने की घोषणा की। समापन सत्र से एमडीयू के केमेस्ट्री विभाग के प्रो. एसके खटकड़ ने विश्व में विज्ञान के योगदान पर छात्रों का मार्गदर्शन किया। एनएसयूटी नई दिल्ली के डॉ. अनुराग गौड़ ने प्राचीन भारतीय वैज्ञानिकों के बारे में बताया।

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